भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा (सोर्स-सोशल मीडिया)
Record Low Inflation 2025: वैश्विक अनिश्चितताओं और व्यापारिक चुनौतियों के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था एक बेहद मजबूत और सुनहरे दौर से गुजर रही है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने दिसंबर बुलेटिन में देश की आर्थिक सेहत पर गहरा संतोष व्यक्त किया है।
अक्टूबर 2025 में महंगाई दर गिरकर महज 0.3% के ऐतिहासिक निचले स्तर पर आ गई, जबकि विकास दर उम्मीदों से परे रही। गवर्नर ने इस स्थिति को ‘गोल्डिलॉक्स पीरियड’ करार दिया है, जहां उच्च विकास और कम महंगाई का एक दुर्लभ तालमेल बना हुआ है।
RBI के अनुसार, फ्लेक्सिबल इन्फ्लेशन टारगेटिंग (FIT) अपनाने के बाद यह पहली बार है जब तिमाही औसत महंगाई दर 2% के लक्ष्य से नीचे गिरकर 1.7% रही। अक्टूबर 2025 में खाद्य कीमतों में सुधार के कारण यह 0.3% तक पहुंच गई। गवर्नर मल्होत्रा ने बताया कि कम महंगाई से आम जनता की क्रय शक्ति बढ़ी है, जिससे बाजार में मांग और निवेश को नया बल मिला है।
वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में भारत की GDP वृद्धि दर 8.2% रही। इस शानदार बढ़त के पीछे त्योहारी सीजन में ग्राहकों द्वारा किया गया रिकॉर्ड खर्च और सितंबर 2025 में जीएसटी (GST) दरों का युक्तिकरण (Rationalization) प्रमुख कारण रहे। इसी सकारात्मक माहौल को देखते हुए RBI ने पूरे वित्त वर्ष के लिए विकास दर का अनुमान बढ़ाकर 7.3% कर दिया है।
गवर्नर ने बैंकिंग प्रणाली के नियमों में किए गए सुधारों पर जोर दिया, जिससे न केवल व्यापार करना आसान हुआ है बल्कि ग्राहकों की सुरक्षा भी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि बैंकिंग व्यवस्था अब पहले से कहीं अधिक मजबूत और वित्तीय रूप से स्थिर है।
RBI एक नई उम्मीद और दृढ़ संकल्प के साथ 2026 में प्रवेश कर रहा है, जहां कृषि क्षेत्र का अच्छा प्रदर्शन और कॉर्पोरेट जगत का मजबूत आधार अर्थव्यवस्था को और आगे ले जाएगा।
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अर्थशास्त्र में ‘गोल्डिलॉक्स पीरियड‘ (Goldilocks Period) उस स्थिति को कहते हैं जब अर्थव्यवस्था न तो बहुत अधिक गर्म (हाई महंगाई) होती है और न ही बहुत ठंडी (कम विकास)।
भारत फिलहाल 8% की औसत छमाही विकास दर और 2.2% की छमाही महंगाई के साथ इसी आदर्श स्थिति में है। हालांकि, गवर्नर ने वैश्विक व्यापार तनाव और भू-राजनीतिक जोखिमों के प्रति सतर्क रहने की सलाह भी दी है।