प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने कैब एग्रीगेटर्स उबर, ओला, रैपिडो और इनड्राइव जैसी कैब सर्विस प्रोवाइडर्स को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। जिसके बाद अब ये पीक ऑवर में लोगों से ज्यादा किराया वसूल सकेंगे। सरकार की ओर से उन्हें ऐसा करने के लिए मंजूरी मिल गई है। भारत सरकार ने राइड-हेलिंग सेवाओं से संबंधित एक नई गाइडलाइन जारी की है। सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है है कि अब ये कैब एग्रीगेटर्स पिक ऑवर में बेस फेयर से दोगुना तक किराया वसूल सकते हैं। हालांकि, पहले ये सीमा केवल 1.5 गुना थी। वहीं, नॉन पिक ऑवर में किराया बेस फेयर का कम से किम 50 फीसदी रखा जाएगा। केंद्र सरकार ने तीन महीनों के अंदर इस नई गाइडलाइंस को लागू करने के लिए देश के विभिन्न राज्यों को सलाह दी है।
सरकार द्वारा जारी की गई नई गाइडलाइंस में बिना कोई खास वजह राइड कैंसिल करने पर जुर्माना देना होगा। वहीं, कैब ड्राइवरों के बीमा अनिवार्य करने और वाहन खाली चलने पर यात्री से किराया न वसूलने जैसे निर्देश भी दिए गए हैं। मंत्रालय ने ऑटो और बाइक टैक्सी के लिए बेस फेयर तय करने की जिम्मेदारी भी राज्यों को सौंप दी है। इसके साथ ही कैब में लोकेशन और ट्रैकिंग डिवाइस को भी अनिवार्य कर दिया गया है।
कैब ड्राइवर द्वारा बुकिंग असेप्ट करने के बाद अगर कैंसिल किया जाता है तो अब इस पर भी सख्त नियम लागू किए जाएंगे। बिना किसी खास वजह के बुकिंग रद्द करने पर किराए का 10 फीसदी (अधिकतम 100 रुपये) तक का जुर्माना लगेगा, जिसे ड्राइवर और एग्रीगेटर के बीच बांटा जाएगा। इसी प्रकार अगर कोई पैसेंजर बुकिंग रद्द करता है, तो उस पर भी यही चार्ज लागू होंगे। यात्रियों की सेफ्टी और ड्राइवरों के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि सभी एग्रीगेटर्स यह सुनिश्चित करें कि ड्राइवरों के पास कम से कम 5 लाख रुपये का हेल्थ इंश्योरेंस और 10 लाख रुपये का टर्म इंश्योरेंस हो।
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सड़क एवं परिवन मंत्रालय द्वारा जारी नई गाइडलाइंस में अलग-अलग वाहनों जैसे कि ऑटो-रिक्शा,और बाइक टैक्सी का बेस फेयर तय करने की जिम्मेदारी राज्य की सरकारों को सौंप दी गई है। उदाहरण के रूप में आप इसको ऐसे समझ सकते हैं- दिल्ली और मुंबई का बेस फेयर 20-21 रुपये प्रति किलोमीटर है, जबकि पुणे में यह 18 रुपये प्रति किलोमीटर है। डेड माइलेज यानी वाहन के खाली चलने की दूरी के लिए यात्री से कोई चार्ज नहीं वसूला जाएगा, जब तक कि यह दूरी 3 किलोमीटर से कम न हो। फेयर केवल यात्रा की शुरुआत से राइड के आखिरी तक ही लिया जाएगा।