निर्मला सीतारमण (सौजन्य-एक्स)
नई दिल्ली: कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संबोधित किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि भारत अगले पांच साल में प्रति व्यक्ति आय को करीब दोगुना कर देगा। उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में सरकार द्वारा किए गए संरचनात्मक सुधारों से आने वाले दशकों में आम आदमी के जीवन स्तर में सबसे तेज वृद्धि होगी।
यहां कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन के तीसरे संस्करण को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि हाल के दशक में भारत का महत्वपूर्ण आर्थिक प्रदर्शन पांच साल में 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अनुमानों के की माने तो हमें 2,730 अमेरिकी डॉलर की प्रति व्यक्ति आय तक पहुंचने में 75 साल लगे, लेकिन अब इसमें 2,000 अमेरिकी डॉलर और जोड़ने में केवल 5 साल लगेंगे। आने वाले दशकों में आम आदमी के जीवन स्तर में सबसे तेज वृद्धि देखने को मिलेगी, जो वास्तव में सभी भारतीयों का एक युग होगा….।”
Union Minister @nsitharaman addresses at 3rd edition of Kautilya Economic Conclave #KEC2024 in New Delhi.
Finance Minister says, "By 2047, as India crosses the 100-year mark of independence from imperial rule, the #ViksitBharat will usher prosperity not just to Indians but to… pic.twitter.com/tWNbgNA8Qu
— All India Radio News (@airnewsalerts) October 4, 2024
एक खंडित दुनिया जहां लगातार कई संघर्ष चल रहे है और ये बद से बदतर हो सकते है, ऐसे में वैश्विक शांति के लिए खतरा उत्पन्न हो सकता है जो समृद्धि का आधार है। दुनिया के इस महौल के बाद भी अपनी 1.4 अरब की आबादी (जो वैश्विक कुल का 18 प्रतिशत है) के लिए कुछ वर्षों में अपनी प्रति व्यक्ति आय को दोगुना करना चाहता है।
उन्होंने कहा कि यह असमानता में कमी के साथ हासिल किया जा रहा है, क्योंकि ग्रामीण भारत के लिए गिनी गुणांक (आय असमानता बेंचमार्क) 0.283 से घटकर 0.266 हो गया है। यहीं अगर शहरी क्षेत्रों में देखा जाए तो यह 0.363 से घटकर 0.314 हो गया है।
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सीतारमण ने कहा, ‘‘ मुझे उम्मीद है कि ये सुधार जारी रहेंगे क्योंकि पिछले 10 वर्षों के आर्थिक तथा संरचनात्मक सुधारों के प्रभाव आने वाले वर्षों में आंकड़ों में अधिक स्पष्ट रूप से प्रकट होंगे क्योंकि अर्थव्यवस्था से कोविड-19 वैश्विक महामारी का झटका कम हो जाएगा।”
सीतारमण ने कहा कि 2047 तक जब भारत अपने स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे कर लेगा, तब एक नए भारतीय युग की मूल विशेषताएं विकसित देशों के समान ही होंगी। वित्त मंत्री ने कहा कि, विकसित भारत के विचारों, टेक्नोलोजी तथा संस्कृति के वायब्रेन्ट आदान-प्रदान का केंद्र बनकर न केवल भारतीयों के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए भी समृद्धि लेकर आएगा।
देश की फाइनेंशियल सिस्टम पर उन्होंने कहा, ‘‘ भारत के बैंकिंग क्षेत्र की सुदृढ़ता और मजबूती…परिसंपत्ति गुणवत्ता सुधार, खराब ऋणों के लिए प्रावधान में वृद्धि, निरंतर पूंजी पर्याप्तता तथा लाभप्रदता में वृद्धि पर लगातार नीतिगत ध्यान द्वारा समर्थित है।”
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एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग एसेट) अनुपात कई वर्षों के निचले स्तर पर है और बैंकों के पास अब कर्ज वसूल करने के लिए नए मैकेनिसम हैं। सीतारमण ने कहा, ‘‘ यह सुनिश्चित करना हमारी मुख्य नीति प्राथमिकताओं में से एक है कि वित्तीय प्रणाली बेहतर बनी रहे..।”
(एजेंसी इनपुट के साथ)