निर्मला सीतारमण, (केंद्रीय वित्त मंत्री)
नई दिल्ली : न्यू इनकम टैक्स बिल को शुक्रवार 7 फरवरी 2025 को होने वाली कैबिनेट की मीटिंग में मंजूरी मिल सकती है। जिसके बाद आने वाले हफ्ते में लोकसभा में इस विधेयक को पेश किया जा सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को बजट पेश करते हुए नए इनकम टैक्स से जुड़े बिल को संसद में पेश करने की घोषणा की थी।
बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि क्रिमिनल लॉ के संबंध में, हमारी सरकार ने इंडियन पीनल कोड यानी आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता यानी बीएनएस की शुरूआत की थी। अब इस सदन को बताते हुए मुझे बेहद खुशी हो रही है कि नया इनकम टैक्स बिल न्याय की उसी भावना को आगे लेकर जाएगा। न्यू बिल टेक्स्ट के मामले में चैप्टर और शब्दों दोनों में ही करेंट टैक्स एक्ट के लगभग आधे हिस्से के साथ साफ और सरल होगा। टैक्सपेयर्स के साथ टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन के लिए भी इसे समझना आसान हो जाएगा, जिसके चलते टैक्स निश्चितता बढ़ सकती है और इससे जुड़े केसेस में भी कमी आएगी।
वित्त मंत्री ने कहा है कि पिछले 10 सालों में हमारी सरकार ने टैक्सपेयर्स की फेसिलिटी के लिए फेसलेस एसेसमेंट, टैक्सपेयर्स चार्टर, इनकम टैक्स रिटर्न में तेजी, सेल्फ एसेसमेंट के माध्यम से 99 प्रतिशत रिटर्न और विवाद से विश्वास स्कीम को लागू किया है। इसी कोशिशों को जारी रखते हुए टैक्स विभाग के “पहले भरोसा करें, बाद में जांच करें” की प्रतिबद्धता को दोहराते हैं। मैं अगले हफ्ते नया इनकम टैक्स बिल पेश करने का प्रपोजल रखती हूं।
न्यू इनकम टैक्स बिल कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद देश की संसद में पेश किया जाने वाला है। ये बिल मौजूदा इनकम टैक्स एक्ट 1961 की जगह लेगा। न्यू इनकम टैक्स एक्ट का मोटिव टैक्स प्रोसेस को और भी ज्यादा सरल और आसान बनाना है। साल 1961 के बाद पहली बार इनकम टैक्स एक्ट में बदलाव आने वाला है। नए कानून पर सीबीडीटी की कमिटी काम भी कर रही है। हालांकि पिछले 60 सालों में कई बार इनकम टैक्स स्लैब में समय से साथ साथ संशोधन किए गए हैं। फिलहाल टैक्सपेयर्स के मन में ये सवाल उठ रहे हैं कि इनकम टैक्स बिल में क्या हो सकता है?
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न्यू इनकम टैक्स बिल को काफी सरल और आसान बनाया जा सकता है, जिसे टैक्सपेयर्स आसानी से समझ सकते हैं। टैक्सपेयर्स के लिए आने वाले दिनों में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना बेहद आसान हो सकता है। केंद्र सरकार इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग नियमों को काफी आसान और सरल बनाने की तैयारी कर रही है। सरकार बढ़ते टैक्स विवादों को लेकर काफी ज्यादा परेशान है और करीब 120 बिलियन डॉलर के वैल्यू के बराबर टैक्स मामले में विवादों के घेरे में हैं। न्यू टैक्स एक्ट के माध्यम से इसे कम करने की तैयारी है। न्यू इनकम टैक्स बिल में टैक्स से जुड़े कानूनों के अंतर्गत वित्त वर्ष और एसेसमेंट ईयर कहने की प्रैक्टिस को बदला जाएगा और सिर्फ टैक्स ईयर के तौर पर इसे परिभाषित किया जाएगा। साथ ही टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए एडिशनल फॉर्म्स की संख्या को भी घटाया जाएगा। निर्मला सीतारमण ने टैक्सपेयर्स को विभाग की ओर से भेजे जाने वाले नोटिस की भाषा को ऐसा बनाने को कह चुकी हैं, जिसे टैक्सपेयर्स आसानी से समझ सकें और टैक्स डिपार्टमेंट को जवाब देने के लिए वकील की जरूरत नहीं पड़ेगी।