
(प्रतीकात्मक तस्वीर)
National Consumer Helpline Recovers Rupee 45 Crore: उपभोक्ता मामलों के विभाग ने लगातार ग्राहकों को मजबूत बनाने पर जोर दिया है। 25 अप्रैल से लेकर 26 दिसंबर तक 31 क्षेत्रों में 45 करोड़ रुपये की राशि ग्राहकों को वापस दिलाई गई है। हेल्पलाइन पर वापसी दावों से संबंधित 67,265 शिकायतों का पिछले 8 महीने में प्रभावी ढंग से समाधान किया गया।
इसमें सबसे अधिक 32 करोड़ की रकम ई-कॉमर्स क्षेत्र की है। 39,965 शिकायतें इस क्षेत्र के खिलाफ विभाग को मिलीं थीं। कुल रिफंड में 85 प्रतिशत से अधिक का योगदान देने में शीर्ष पांच क्षेत्र रहे।
उपभोक्ता मामलों के विभाग की सचिव निधि खरे ने कहा कि यात्रा और पर्यटन क्षेत्र दूसरे स्थान पर रहे हैं। इनमें 4,050 शिकायतें मिलीं थीं जिनके तहत ग्राहकों को 3.5 करोड़ रुपये की रकम वापस दिलाई गई है। उपभोक्ताओं की यह शिकायतें राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) पर मिलीं हैं। इन शिकायतों से आयोगों पर बोझ कम होता है और विवादों का तुरंत निपटान किया जाता है। खरे के मुताबिक, ई-कॉमर्स क्षेत्र में रिफंड से संबंधित शिकायतें देश के कोने-कोने से हेल्पलाइन को प्राप्त हुईं, जो इसकी व्यापक पहुंच और सुलभता को दर्शाती हैं।
शिकायतें बड़े महानगरों से लेकर दूरदराज के कस्बों और कम आबादी वाले क्षेत्रों तक फैली हुई थीं। उदाहरण के तौर पर जोधपुर के एक उपभोक्ता ने एक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से खराब कुर्सियां मिलने के बाद शिकायत दर्ज कराई। उपभोक्ता ने कंपनी से संपर्क किया, लेकिन पिकअप पांच बार रद्द कर दिया गया। एनसीएच के हस्तक्षेप से मामले का तुरंत समाधान किया गया और उपभोक्ता को पूरा रिफंड मिला।
चेन्नई के उपभोक्ता ने उड़ान से 96 घंटे पहले टिकट रद्द कर दिया था। बार-बार अनुरोध करने पर भी कंपनी ने रिफंड की प्रक्रिया नहीं की। एनसीएच के तुरंत हस्तक्षेप से ग्राहक को रिफंड मिल गया। इसी तरह बेंगलुरू में भी एक दूसरे मामले में ग्राहक की रकम तुरंत वापस दिलाई गई।
इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के खिलाफ कुल 635 शिकायतें मिलीं। इन ग्राहकों को 1.17 करोड़ रुपये वापस दिलाए गए। एजेंसी सेवाओं के खिलाफ 957 शिकायतों में 1.34 करोड़ रुपये वापस दिलाए गए। एयरलाइंस के खिलाफ 668 शिकायतों में 95 लाख रुपये ग्राहकों को दिलाए गए।
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उपभोक्ता टोल-फ्री नंबर 1915 के जरिये 17 भाषाओं में शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। शिकायतें इनग्राम के जरिये भी की जा सकती हैं। इसके लिए कई चैनल उपलब्ध हैं, जिनमें व्हाट्सएप (8800001915), एसएमएस (8800001915), ईमेल, एनसीएच एप, वेब पोर्टल और उमंग एप शामिल हैं।






