
एक साल में कितना बढ़ा सोने-चांदी का भाव, (डिजाइन फोटो/AI)
Gold And Silver Price Hike In 2025: वैश्विक स्तर पर जारी संघर्ष और ट्रेड टेंशन के बीच पिछले एक साल में सोने और चांदी कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी दर्ज हुई। रॉकेट की रफ्तार से भाव में बढ़ोतरी के कारण तरफ निवेशकों की मोटी कमाई हुई। वहीं, दूसरी ओर गोल्ड और सिल्वर आम लोगों की पहुंच से दूर हो गयीं।
एमसीएक्स इंडिया के आंकड़ों के अनुसार, अहमदाबाद में सोने की कीमत 31 दिसंबर 2024 को 75,913 रुपये प्रति दस ग्राम थी जो 26 दिसंबर 2025 को बढ़कर 1,37,591 रुपये पर पहुंच गयी। इस प्रकार, इसकी कीमत 81 प्रतिशत से अधिक बढ़ी। इस दौरान चांद भी 85, 851 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 2,28,948 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गयी। इसकी कीमत एक साल में 167 प्रतिशत बढ़ी।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि सोने की कीमत में बढ़ोतरी का प्रमुख कारण वैश्विक है। एक तरफ रूस युक्रेन युद्ध और दूसरी तरफ पश्चिम एशिया में जारी संघर्ष के कारण सुरक्षित निवेश मानी जाने वाली गोल्ड की मांग बढ़ी है। इसके अलावा, व्यापार तनाव भी इसकी एक वजह है। निवेशक ही नहीं, विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंक भी सोना खरीद रहे हैं।
एक तरफ जहां मूल्य में सोने की खपत बढ़ी है, वहीं वास्तविक खपत में कमी आयी है। इसका मुख्य कारण इसकी आसमान छूती कीमतें हैं जिससे यह आम लोगों की पहुंच से दूर चला गया है। ऑल इंडिया जेम एंड ज्वेलरी डोमेस्टिक काउंसिल (जीजेसी) ने सोने चांदी में तेजी के लिए वैश्विक कारकों के साथ देश में वैवाहिक और त्योहारी मांग को भी जिम्मेदार ठहराया है। उसका कहना है कि बढ़ती कीमतों के बीच देश में इसकी निवेश मांग भी बनी हुई है। उसने नये साल में भी तेजी जारी रहने की संभावना जतायी है।
जीजेसी के चेयरमैन राजेश रोकड़े ने कहा कि साल 2025 में एक बार फिर इस बात को रेखांकित किया है कि कीमती धातुएं रणनीतिक संपत्ति हैं। सोने की ऐतिहासिक तेजी भारतीय परिवारों के इसमें पीढ़ियों से कायम भरोसे का सत्यापन है। दूसरी तरफ, सौर उपकरणों, नवीकरणीय ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहनों में बढ़ती खपत के कारण चांदी में जबरदस्त देखी जा रही है।
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वैश्विक स्तर पर लंदन बुलियन मार्केट में इस साल सोना 70.7 प्रतिशत चढ़कर 4,482 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया। चांदी भी 135 प्रतिशत की तेजी के साथ 69.22 डॉलर प्रति औंस पर रही। दोनों कीमती धातुओं में विदेशों में रही तेजी और डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट से देश में इनके दाम बढ़े हैं।






