आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (सौ. सोशल मीडिया )
Microsoft Study: हाल ही में दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने एक स्टडी में कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। इस स्टडी में बताया गया है कि इंटरप्रेटर्स और ट्रांसलेटर्स यानी एक लैंग्वेज से दूसरी लैंग्वेज में ट्रांसलेट करने के साथ कई और भी ऐसी जॉब है, जिन पर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई का खतरा मंडरा रहा है। इस स्टडी के अनुसार एआई का सबसे ज्यादा असर इतिहासकार, सेल्स रिप्रेजेंटेटिव, पैसेंजर अटेनडेंट जैसे कामों पर इस टेक्नोलॉजी का सबसे ज्यादा असर होगा।
सामान्य तौर पर जब एआई का जिक्र होता है, तो लोगों को डर लगता है कि इसके कारण आगे भविष्य में आईटी, रिसर्च, राइटिंग और कंसल्टेंसी जैसी जॉब खत्म हो जाएगी। जबकि माइक्रोसॉफ्ट की स्टडी में ये खुलासा हुआ है कि असलियत में इससे क्या उम्मीद की जानी चाहिए। माइक्रोसॉफ्ट का मानना है कि एआई का असर जिन इंडस्ट्रीज पर पड़ने की उम्मीद सबसे ज्यादा है, उन्हें पहले ये सीखना होगा कि हम एआई से मुकाबला करने की जगह कोपायलट के तौर पर इसकी मदद कैसे ली जाए।
इंटरप्रेटर्स और ट्रांसलेटर्स, इतिहासकार, पब्लिक रिलेशन स्पेशलिस्ट, संपादक, क्लिनिकल डेटा मैनेजर, रिपोर्टर और पत्रकार, टेक्निकल राइटर, कॉपी राइटर, प्रूफरीडर और कॉपी मार्कर, लेखक और ऑथर, मेंटल हेल्थ और नशा मुक्ति सामाजिक कार्यकर्ता, क्रेडिट काउंसलर, मैनेजमेंट एनालिस्ट, ह्यूमन रिसोर्स स्पेशलिस्ट, ट्रैवल एजेंट जैसे प्रोफेशन पर एआई का सबसे ज्यादा असर हो सकता हैं।
ब्रिज और लॉक टेंडर, पंप ऑपरेटर, कूलिंग और फ्रीजिंग इक्विपमेंट ऑपरेटर, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट ऑपरेटर, वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट ऑपरेटर, क्रशिंग, ग्राइंडिंग मशीन ऑपरेटर, कंस्ट्रक्शन लेबर, रूफर्स (छत बनाने वाले), सरिया बांधने वाले मजदूर, टायर बिल्डर, इंसुलेशन वर्कर, स्ट्रक्चरल आयरन और स्टील वर्कर, खतरनाक कचरा तकनीशियन, मसाज थेरेपिस्ट, फिजिकल थेरेपिस्ट के सहायक, कंस्ट्रक्शन सुपरवाइजर, डिशवॉशर, मेड और हाउसकीपिंग क्लीनर
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अगर देखे तो माइक्रोसॉफ्ट की इस स्टडी में ये जानकारी दी है कि एआई इंसानों की जगह नहीं ले रही हैं, इनसे बस काम करने का तरीका बदल रहा है। इस टेक्निक का उपयोग हम काम करने के दौरान मदद के लिए कर सकते हैं।