प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनहोल्डर्स के लिए आठवें वेतन आयोग के गठन की मंजूरी दे दी है। उसी समय से आए दिन इस आयोग को लेकर नए अपडेट सामने आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि आठवां वेतन आयोग अगले साल तक लागू हो सकता है। फिलहाल केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ता यानी डीए को बढ़ा दिया है। जिसके बाद से ये उम्मीद की जा रही थी कि अब 8वें वेतन आयोग में सरकार फिटमेंट फैक्टर को नहीं बढ़ाने वाली है। आइए इसके पीछे की वजह जानते हैं।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार की ओर से केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में महंगाई भत्ते यानी डीए के 50 प्रतिशत को मर्ज करने की तैयारी हो रही है। अगर ऐसा होता है तो 8वें वेतन आयोग में ज्यादा फिटमेंट फैक्टर की डिमांड में नरमी आएगी और सरकार भी कम फिटमेंट फैक्टर बढ़ा सकती है। इसके पीछे की वजह यह है कि अभी कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 18,000 हजार रुपये है। डीए मर्ज होने के बाद वह बढ़कर 27,000 रुपये हो जाएगी। सैलरी में बढ़त वेतन आयोग के लागू होने से पहले ही हो जाएगी। इसलिए इसका असर फिटमेंट फैक्टर की डिमांड पर पड़ सकता है।
केंद्र सरकार ने 5वें वेतन आयोग के अंतर्गत यह नियम बनाया था कि अगर डीए 50 फीसदी से ज्यादा चला जाता है, तब उसे बेसिक सैलरी में जो दिया जाता है। सरकार ने साल 2004 में भी ऐसा किया था। हालांकि, इस सिस्टम को 6वें वेतन आयोग में नहीं माना गया था। 7वें वेतन आयोग में भी इसको नहीं माना गया था। लेकिन इस बार ऐसा अनुमान लगाया जा रहा हैं कि सरकार डीए को बेसिक सैलरी के साथ मर्ज कर सकती है। अगर इस बार डीए और बेसिक सैलरी को मर्ज किया जाएगा, तो कर्मचारियों की बेसिक सैलरी बढ़ जाएगी, जिससे फिटमेंट फैक्टर ज्यादा बढ़ने की संभावना पर इसका सीधा असर पड़ सकता है।
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फिटमेंट फैक्टर एक गुणा करने वाली संख्या होता है, जिससे तरह सरकार मौजूदा सैलरी के हिसाब से गुणक के माध्यम से आने वाले वेतन आयोग में सैलरी को बढ़ाती है। हालांकि, सैलरी का बढ़ना सिर्फ फिटमेंट फैक्टर पर डिपेंड नहीं करता है। फिर भी इसका असर सैलरी बढ़त पर पड़ता है। सरकार ने 7वें वेतन आयोग में 2.57 फिटमेंट लागू किया था। जबकि इस बार कर्मचारियों की ओर से 2.86 फिटमेंट फैक्टर लागू करने की डिमांड की जा रही है।