सर्वर डाउन हुआ तो यूजर्स ने लिखा RIP (सोर्स: सोशल मीडिया)
Income Tax Return News: हर बार की तरह इस बार भी आयकर रिटर्न भरना टेढी खीर साबित हुआ। हर वर्ष आखिरी दिनों में आयकर विभाग का सर्वर जवाब दे जाता है और करदाताओं को संकट का सामना करना पड़ता है। 15 सितंबर को आयकर भरने का आखिरी दिन था लेकिन लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सोशल मीडिया में ‘आरआईपी’ लिखकर वेबसाइट को श्रद्धांजलि देते हुए देखे गए। नागपुर कार्यक्षेत्र में 11 लाख से अधिक करदाता हैं। इनमें से अधिकांश लोग आखिरी समय पर ही रिटर्न भरते हैं।
जानकारों ने बताया कि आयकर विभाग का सर्वर रविवार को भी सही तरीके से कार्य नहीं कर रहा था जिससे आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले करदाताओं को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। रिटर्न दाखिल करने की सोमवार को अंतिम तिथि थी।
हालांकि आयकर विभाग ने इन दिक्कतों को देखते हुए आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख एक दिन बढ़ा दी है। अब इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की डेडलाइन 16 सितंबर 2025 हो गई है, जो कि पहले 15 सिंतबर थी।
व्यक्तिगत करदाताओं, एचयूएफ और वेतनभोगी वर्ग के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर निर्धारित की गई है। इसके अलावा राष्ट्रीयकृत बैंकों के पोर्टल और यूआइडीएआइ पोर्टल भी सही ढंग से कार्य नहीं कर रहे हैं जिससे सोमवार को भी करदाताओं को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
नागपुर चेंबर ऑफ कॉमर्स (एनसीसीएल) के अध्यक्ष कैलाश जोगानी ने आयकर रिटर्न भरने की तिथि बढ़ाने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि 15 सितंबर तक आयकर रिटर्न नहीं भरा गया तो इसके बाद विलंब शुल्क और 5,000 रुपये तक की पेनल्टी लगाने का प्रावधान है। यह गलती विभाग की है और विभाग की गलती का ठीकरा करदाताओं के ऊपर नहीं फोड़ना चाहिए।
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रितेश मेहता ने भी सरकार से रिटर्न भरने की तिथि बढ़ाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि तकनीकी समस्याओं के कारण करदाता समय पर रिटर्न दाखिल नहीं कर पा रहे हैं जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान हो सकता है।
विभाग करदाताओं को सलाह दे रहे थे कि जल्द से जल्द अपने रिटर्न दाखिल करें, ताकि उन्हें विलंब शुल्क और पेनल्टी का सामना न करना पड़े। अब सर्वर ने सारा ‘खेला’ कर दिया है।
वीआईए के नरेश जखोटिया ने बताया कि लोग पिछले तीन दिनों से परेशान हैं। वेबसाइट क्रैश है। न तो चालान जनरेट हुआ और न ही पेमेंट का लोग भुगतान कर सकें। टीआईएस, एआईएस, 26 एएस तक डाउनलोड नहीं हो सका। रिटर्न अपलोड नहीं हो सका। यहां तक की ई-वेरिफिकेशन के लिए ओटीपी भी जनरेट नहीं हो रहा था। विभाग को भी पता था, लेकिन सुधारने में सफलता नहीं मिली।