प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (सौ. सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : पुरी दुनिया में टैरिफ वॉर शुरू हो गई है। इसी सिलसिले में भारत ने भी पूरी दुनिया के प्रमुख देशों को हिलाने की तैयारी कर ली है। सिर्फ 200 दिनों के लिए मोदी सरकार ने टैरिफ वॉर को लेकर मास्टरप्लान तैयार कर लिया है। पूरी दुनिया की नजरें अमेरिका, चीन, यूरोपियन देशों, कनाडा और मैक्सिको जैसे देशों के टैरिफ वॉर पर टिकी हुई है। वहीं दूसरी ओर भारत भी इस जंग में कूदने की तैयारी करके सभी को हैरान कर दिया है।
भारत के इस फैसले से दुनिया के कई देश परेशान होने के साथ हैरान भी है। असल में भारत स्टील प्रोडक्ट्स पर टैरिफ बढ़ाने के बारे में सोच रहा है। हालांकि ये बढ़ोतरी अस्थायी होगी। सरकार सिर्फ 200 दिनों तक इस टैरिफ को लगाने के बारे में सोच रही है। इस फैसले से साउथ कोरिया, चीन औप जापान को बड़ा झटका लग सकता है। इन देशों से भारत 70 प्रतिशत से ज्यादा स्टील इंपोर्ट कर रहा है। अब सबसे बड़ा सवाल ये पैदा हो रहा है कि भारत इंपोर्ट ड्यूटी क्यों और कितना बढ़ा रहा है?
कॉमर्स मिनिस्ट्री की जांच शाखा डायरेक्ट्रेट जनरल ऑफ ट्रेड रेमेडीज यानी डीजीटीआर ने घरेलू स्टील को इंपोर्ट में बढ़त से बचाने के उद्देश्य से कुछ स्टील प्रोडक्ट्स पर 200 दिन के लिए 12 फीसदी का टेंपररी सेफ्टी चार्ज लगाने की सिफारिश की है। डीजीटीआर ने पिछले ही साल दिसंबर में फैब्रिकेशन, पाइप मैन्युफैक्चरिंग, मैन्युफैक्चरिंग, कैपिटल गुड्स, ऑटो, ट्रैक्टर, साइकिल और इलेक्ट्रिकल पैनल सहित विभिन्न उद्योगों में उपयोग किए जाने वाले गैर-मिश्र धातु व मिश्र धातु स्टील फ्लैट उत्पादों के इंपोर्ट में अचानक बढ़त की जांच शुरू की थी।
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इंडस्ट्रियल वर्ल्ड के अनुसार, चीन, जापान और दक्षिण कोरिया में डिमांड में कमी के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। इन उत्पादों का इंपोर्ट 2021-22 के दौरान 22.93 लाख टन से बढ़कर जांच अवधि (अक्टूबर 2023 से सितंबर 2024 और तीन पूर्ववर्ती वित्त वर्ष 2021-24) के दौरान 66.12 लाख टन हो गया। चीन, जापान, कोरिया और वियतनाम सहित देशों से इंपोर्ट में बढ़त हुई है। नोटिफिकेशन में कहा गया कि इस शुल्क का उद्देश्य इंपोर्ट में बढ़त के विपरीत भारतीय घरेलू उद्योग की रक्षा करना है।