केंद्र सरकार ने बीमा क्षेत्र में 100% विदेशी निवेश को मंजूरी दी (सोर्स- सोशल मीडिया)
Insurance Policy Premium Impact: भारत के इंश्योरेंस सेक्टर में एक ऐतिहासिक बदलाव होने जा रहा है जो हर पॉलिसीधारक के भविष्य को प्रभावित करेगा। केंद्र सरकार ने बीमा कंपनियों में 100 फीसदी विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति दे दी है।
इस बड़े आर्थिक सुधार का उद्देश्य देश के कोने-कोने तक बीमा सुरक्षा पहुंचाता और सेवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाना है। अब ग्लोबल कंपनियां भारत में पूरी तरह अपने दम पर कारोबार कर सकेंगी, जिससे ग्राहकों को सीधे लाभ मिलेगा।
केंद्रीय कैबिनेट की हरी झंडी के बाद लोकसभा में इंश्योरेंस लॉज (अमेंडमेंट) बिल 2025 पेश किया गया है। इस मिशन को ‘सबका बीमा, सबकी रक्षा’ का नाम दिया गया है जो सरकार के 2047 तक ‘इंश्योरेंस फॉर ऑल’ के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया है कि निवेश की सीमा को 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने से बाजार में अधिक पूंजी आएगी और नई तकनीक का समावेश होगा। इससे भारतीय बीमा बाजार अधिक प्रतिस्पर्धी और मजबूत बनेगा।
100 प्रतिशत FDI के आने से सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि अब दुनिया की दिग्गज बीमा कंपनियां भारत में स्वतंत्र रूप से प्रवेश कर सकेंगी। जब बाजार में खिलाड़ियों की संख्या बढ़ेगी, तो मौजूदा कंपनियों पर भी अपनी सेवाएं सुधारने का दबाव होगा।
ग्राहकों को अब सिर्फ पुरानी पॉलिसियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। उन्हें नए तरह के इनोवेटिव प्रोडक्ट्स, बेहतर कवरेज और अपनी जरूरतों के हिसाब से अनुकूलित (Customized) प्लान्स चुनने के ज्यादा विकल्प मिलेंगे।
प्रीमियम के मोर्चे पर आम जनता को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। बाजार में कॉम्पिटिशन बढ़ने से कंपनियां ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए अपने प्रीमियम दरों को कम और किफायती रख सकती हैं। इसके अलावा विदेशी कंपनियों के पास उन्नत जोखिम प्रबंधन तकनीक (Risk Management Technology) होती है, जिससे लंबे समय में प्रीमियम की संरचना अधिक संतुलित हो जाएगी। क्लेम सेटलमेंट के मामले में भी अब पारदर्शिता बढ़ेगी। डिजिटल प्रक्रियाओं और बड़ी पूंजी के कारण क्लेम मिलने में लगने वाला समय कम होगा और कागजी कार्रवाई से मुक्ति मिलेगी।
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विदेशी निवेश बढ़ने से देश में डिजिटल इंश्योरेंस को जबरदस्त रफ्तार मिलेगी। नई तकनीक के आने से छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों तक बीमा की पहुंच आसान हो जाएगी। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से अब गांव का व्यक्ति भी आसानी से पॉलिसी खरीद सकेगा और उसे मैनेज कर पाएगा। इससे न केवल रोजगार के अवसर पैदा होंगे, बल्कि बीमा क्षेत्र में पारदर्शिता और ग्राहकों का भरोसा भी बढ़ेगा। यह सुधार भारतीय अर्थव्यवस्था के साथ-साथ आम आदमी की सामाजिक सुरक्षा को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।