
भारत को AI की जरूरत। (सौ. Pixabay)
Maharashtra Energy AI Project: देश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की बढ़ती मांग और बदलते वैश्विक तकनीकी परिदृश्य के बीच भारत को अपनी स्वदेशी एआई क्षमता तेजी से विकसित करनी होगी। नीति आयोग के पूर्व CEO अमिताभ कांत ने मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान साफ चेतावनी दी कि यदि भारत ने अभी कदम नहीं उठाए, तो उसे विदेशी कंपनियों पर निर्भर रहना पड़ेगा, जो पहले ही भारतीय डेटा का उपयोग अपने मॉडल को मजबूत करने में कर रही हैं।
अमिताभ कांत ने कहा कि देश की तकनीकी प्रगति इस बात पर निर्भर करेगी कि वह कितनी तेज़ी से अपना कंप्यूटिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करता है, संवेदनशील डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करता है और स्वदेशी AI स्टार्टअप्स को मज़बूत समर्थन देता है। उन्होंने कहा, “डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर ने बड़े स्तर पर समावेशन बढ़ाया है, लेकिन देश की पिछड़ी कंप्यूटिंग क्षमता हमारी प्रगति को धीमा करने का खतरा पैदा कर रही है।” कांत के मुताबिक, भारत के पास विशाल डेटा है, लेकिन कंप्यूटेशनल संसाधनों की कमी के चलते घरेलू मॉडल उतनी तेजी से विकसित नहीं हो पा रहे जितना संभावित है।
महाराष्ट्र में ऊर्जा क्षेत्र में एआई का उपयोग एक नए परिवर्तन की शुरुआत करने जा रहा है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि राज्य में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की मदद से सतत, पर्यावरण के अनुकूल और आर्थिक रूप से मज़बूत ऊर्जा व्यवस्था की नींव रखी जा रही है। महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी (महावितरण) ने अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के सहयोग से एक AI आधारित डिजिटलीकरण परियोजना शुरू की है। यह परियोजना निम्न संस्थाओं की साझेदारी में लागू हो रही है:
इस साल जनवरी में मुख्यमंत्री फडणवीस और रॉकफेलर फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. राजीव शाह के बीच हुई बैठक में बिजली वितरण प्रणाली में ‘डिजिटल ट्विन’ तकनीक के उपयोग की अभिनव अवधारणा सामने आई थी। यह तकनीक बिजली वितरण की रियल-टाइम मॉनिटरिंग, मैनेजमेंट और भविष्य की जरूरतों का आकलन करने में मदद करेगी।
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विशेषज्ञों का मानना है कि ऊर्जा क्षेत्र में AI के इस्तेमाल से ग्रिड मैनेजमेंट बेहतर होगा, बिजली चोरी और नुकसान में कमी आएगी, उपभोक्ताओं को अधिक विश्वसनीय आपूर्ति मिलेगी, राज्य की ऊर्जा दक्षता में उल्लेखनीय सुधार होगा, इस पहल से महाराष्ट्र न केवल ऊर्जा प्रबंधन में आधुनिक तकनीक को अपनाने वाला अग्रणी राज्य बनेगा, बल्कि भारत के AI-आधारित इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास को भी नई गति मिलेगी।






