स्टीलबर्ड इंडिया (सौ. सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : भारत में हेलमेट बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी स्टीलबर्ड हाईटेक इंडिया लिमिटेड को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। स्टीलबर्ड ने नई फैक्ट्री लगाने और कैपेसिटी एक्सपांशन पर आने वाले 3 सालों में 400 करोड़ का इंवेस्टमेंट करने की योजना बनायी है। मौजूदा वित्त वर्ष में 1,000 लोगों को रोजगार देने का भी टारगेट है।
स्टीलबर्ड के प्रबंध निदेशक राजीव कपूर ने गुरूवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कंपनी हिमाचल प्रदेश में हेलमेट बनाने के लिए नई फैक्ट्री तैयार कर रही है। फिलहाल उसके हिमाचल प्रदेश में 6 और उत्तर प्रदेश के नोएडा में 3 कारखाने हैं।
कपूर ने यहां ‘वल्नरेबल रोड यूजर्स एंड रोड सेफ्टी’ विषय पर आयोजित सम्मेलन के दौरान संवाददाताओं से बातचीत में कहा है कि कंपनी की वित्त वर्ष 2027-28 तक 400 करोड़ रुपये का इंवेस्टमेंट करने की योजना है। ये निवेश हिमाचल प्रदेश के बद्दी में नई फैक्ट्री लगाने और क्षमता विस्तार में किया जाएगा।
उन्होंने ये भी कहा कि कंपनी चालू वित्त वर्ष में 1,000 कर्मचारियों को नियुक्त करेगी। वर्तमान में कंपनी के कर्मचारियों की संख्या 4,000 है। इंवेस्टमेंट अमाउंट के स्रोत के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि 25 प्रतिशत राशि आंतरिक स्रोत जबकि 75 प्रतिशत कर्ज के माध्यम से जुटाई जाएगी।
वर्तमान में देश में संगठित क्षेत्र में 3 करोड़ हेलमेट बनते हैं। इसमें स्टीलबर्ड की बाजार हिस्सेदारी लगभग 30 प्रतिशत है। एक अन्य सवाल के जवाब में कपूर ने कहा कि फिलहाल कंपनी के अथॉराइज्ड सेल्स सेंटर की संख्या 300 है जिसे अगले 3 सालों में बढ़ाकर 1,000 करने का टारगेट है। ये सेल्स सेंटर देश के विभिन्न भागों में खोले जाएंगे। इससे पहले, कपूर ने सम्मेलन में ‘मिशन सेव लाइव्स 2.0 इंडिया’ की शुरूआत करते हुए कहा है कि हर दिन भारत में ऐसी कई जानें चली जाती हैं जिन्हें भारतीय मानक ब्यूरो यानी बीआईएस से प्रमाणित हेलमेट के इस्तेमाल से बचाया जा सकता था।
हेलमेट मैनुफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष की भी जिम्मेदारी संभाल रहे कपूर ने कहा है कि यह अभियान एक राष्ट्रीय संकल्प है कि हम बीएसआई प्रमाणित हेलमेट को हर टू व्हीलर राइडर और पिछली सीट पर बैठने वाले व्यक्ति के साथ बच्चों के लिए भी सुलभ, सस्ता और अनिवार्य बनाएं।
उन्होंने हेलमेट पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत करने की भी डिमांड की। कपूर ने कहा है कि यह मिशन हेलमेट पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत करने और हेलमेट को आवश्यक एवं लाइफ सेविंग आइटम घोषित करने की डिमांड करता है, ताकि यह आम उपभोक्ता के लिए सस्ता और सुलभ हो सके।
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इस अभियान के अंतर्गत लाइसेंस व्यवस्था में कड़े सुधारों कर भी आह्वान किया गया है। इसमें बीआईएस लाइसेंस धारकों का वास्तविक समय पर सत्यापन और समय-समय पर ऑडिट, लक्षित छापे और नकली हेलमेट का ढांचा खत्म करने के लिए नियमों का कड़ाई से पालन करना शामिल है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)