बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना (सौ. सोशल मीडिया )
Schemes for Women: हर साल 8 मार्च को इंटरनेशनल्स विमेन्स डे मनाया जा सकता है। इस दिन को मनाने के पीछे का उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों, समानता और सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। इसी सिलसिले में भारत सरकार भी महिलाओं के कल्याण और उनके विकास के लिए कई योजनाओं को चला रही हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक रूप से मजबूत बनाना है। आइए महिला दिवस से पहले जानते हैं कि सरकार महिलाओं के लिए कौन कौन सी योजनाएं लेकर आयी है?
इस कड़ी में सबसे पहली योजना बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना है, जिसकी शुरूआत साल 2015 में की गई थी। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत भारत में महिलाओं के उत्थान के लिए एक जरूरी कदम है। ये ना सिर्फ समाज में महिलाओं के अधिकारों को मजबूत करता है, बल्कि उनके उज्जवल भविष्य की नींव भी रखता है। इस योजना का उद्देश्य कन्या भ्रूण हत्या को रोकना, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और लड़कियों को शिक्षा के लिए बढ़ावा देने का है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना भारत सरकार की एक बहुत अहम योजना है। इस योजना का उद्देश्य गरीब परिवारों की महिलाओं को फ्री में एलपीजी सिलेंडर गैस कनेक्शन देने का है। ये योजना 1 मई 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से शुरू की थी। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण और गरीब परिवारों को क्लिन एनर्जी उपलब्ध कराना है। महिलाओं को धुएं से होने वाली बीमारियों से बचाना और खाना बनाने के दौरान महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करना है।
सुकन्या समृद्धि योजना भारत सरकार के द्वारा बेटियों की एजुकेशन और विवाह के लिए इकोनॉमिक हेल्प देने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। जो एक लॉन्ग टर्म की सेविंग स्कीम है। इसे 22 जनवरी 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के अंतर्गत लॉन्च किया गया था। माता पिता को बेटियों के उज्जवल भविष्य के लिए सेविंग करने के लिए प्रेरित करना है। ये योजना बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करना है।
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प्रधानमंत्री मातृ वंदना स्कीम भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसका उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को इकोनॉमिकल हेल्प देना है। इस स्कीम की शुरुआत 1 जनवरी 2017 को की गई थी। पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को 5,000 रुपए की इकोनॉमिकल हेल्प दी जाती है।
यह राशि 3 किस्तों में दी जाती है: पहली किश्त 1,000 रुपए गर्भावस्था के पहले 3 महीनों में रजिस्ट्रेशन करने पर, दूसरी किश्त 2,000 रुपए प्रसवपूर्व जांच पूरी होने पर, तीसरी किस्त 2,000 रुपए बच्चे के जन्म के बाद पहली वेक्सीनेशन प्रोसेस पूरी होने पर। ये राशि सीधे महिला के बैंक अकाउंट में भेजी जाती है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना गर्भवती महिलाओं को फाइनेंशियल हेल्प प्रदान कर उनके स्वास्थ्य और प्रोटीन लेवल में सुधार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।