निर्मला सीतारमण, (केंद्रीय वित्त मंत्री)
नई दिल्ली: केंद्र सरकार देश की आम जनता को एक और बड़ी राहत देने की तैयारी कर रही है। इससे कपड़े, जूते, टूथपेस्ट और बर्तन जैसे जरूरी आइटम सस्ते हो सकते हैं। इस बार बजट में इनकम टैक्स के स्लैब में बदलाव के बाद अब केंद्र सरकार गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) में बदलाव कर मध्यम-वर्गीय और लोअर-इनकम फैमिली को राहत देने की तैयारी कर रही है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार 12 प्रतिशत जीएसटी स्लैब को पूरी तरह से समाप्त करने या वर्तमान में 12 फीसदी टैक्स वाले आइटम्स को 5 प्रतिशत स्लैब में ला सकती है। सरकार के नजदीकी सूत्रों के मुताबिक, इस रिस्ट्रक्चरिंग यानी बदलाव में मध्यम वर्गीय और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के इस्तेमाल में आने वाले आइटम्स शामिल होंगे।
अगर सरकार इस प्रस्तावित बदलाव को लागू करती है, तो रोजमर्रा के इस्तेमाल किए जाने वाले कई आइटम्स सस्ते हो जाएंगे। सरकार इजी-टु-कंप्लाय यानी जीएसटी को और आसान करने पर भी विचार कर रही है। सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि जीएसटी स्लैब या रेट के बदलाव होने से सरकार पर लगभग 40,000 करोड़ रुपये से 50,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, लेकिन वह शुरुआती असर को झेलने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
आइटम | आइटम |
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टूथपेस्ट | पब्लिक ट्रांसपोर्ट व्हीकल |
सैनिटरी नैपकिन | रेडीमेड गारमेंट |
हेयर ऑयल | जूते (500-1,000 रुपये) |
साबुन | वैक्सीन |
टूथ पाउडर | HIV,हेपटाइटिस, टीबी के लिए डायग्नोस्टिक किट |
छाते | आयुर्वेदिक और यूनानी दवाएं |
सिलाई मशीन | एक्सरसाइज बुक्स |
वाटर फिल्टर और प्यूरीफायर | ज्योमेट्री बॉक्सेज |
प्रेशर कुकर | ड्राइंग और कलरिंग बुक्स |
एल्युमिनियम-स्टील से बने बर्तन | मैप्स और ग्लोब्स |
इलेक्ट्रिक आयरन | ग्लेज्ड टाइलें |
वाटर हीटर | रेडी-मिक्स कंक्रीट |
वैक्यूम क्लीनर | प्री-फैब्रिकेटेड बिल्डिंग्स |
वाशिंग मशीन | एग्रीकल्चर इक्विपमेंट्स |
साइकिल | पैक्ड फूड्स |
विक्लांग व्यक्तियों के लिए गाड़िया | सोल वाटर हीटर्स |
केंद्र सरकार मानना है कि अगर डेली यूज के आइटम्स की कीमतें कम होने के बाद बिक्री में इजाफा होगा, जिससे टैक्स-बेस बढ़ेगा और यह लंब अवधी के लिए GST कलेक्शन में ग्रोथ होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में एक इंटरव्यू में GST रेट्स में संभावित बदलावों का संकेत देते हुए कहा था कि सरकार जरूरी वस्तुओं पर मिडिल-क्लास को राहत देने पर विचार कर रही है।
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केंद्र सरकार के दबाव के बाद भी राज्य सरकारों के बीच आम सहमति नहीं बन पाई है। जीएसटी के तहत रेट में बदलाव के लिए GST काउंसिल से रिकमेंडेशन की जरूरत होती है, जहां हर राज्य को मतदान का अधिकार है। वर्तमान में पंजाब, केरल, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल से विरोध की खबरें आ रही हैं।