21% का फायदा मिला गोल्ड में, 26% की तेजी आई सिल्वर में
मुंबई: दोनों कीमती धातुओं सोना (Gold) और चांदी (Silver) में फिर तेजी का रूख बन गया है और कीमतें नई ऊंचाई की तरफ अग्रसर हो रही हैं। यह तेजी विश्व स्तर पर है और कीमतें 6 माह की ऊंचाई पर पहुंच गई हैं। जिसका सीधा असर भारतीय बाजार पर भी पड़ रहा है। पीली धातु में तेजी का जोर अधिक है और मुंबई में इसकी कीमत 61,100 रुपए प्रति दस ग्राम हो गयी है, जो कि सर्वोच्च स्तर 61,650 रुपए से मात्र 1% दूर है। जबकि सफेद धातु की गति कुछ धीमी है और इसकी कीमत 72,000 रुपए प्रति किलो पर पहुंची है, जो कि सर्वोच्च स्तर 76,360 रुपए से 6% कम है। यही स्थिति वैश्विक बाजार में है।
निवेशकों को काफी अच्छा फायदा
लंदन में सोना 2,000 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया है, जो सर्वोच्च बंद स्तर 2020 डॉलर से 1% ही कम है। जबकि चांदी अपने सर्वोच्च बंद स्तर 26 डॉलर से काफी नीचे 23.33 डॉलर प्रति औंस पर ही पहुंची है। वैसे पिछले एक साल में यानी दिवाली से दिवाली दोनों धातुओं ने निवेशकों को काफी अच्छा फायदा दिया है। पिछले साल दिवाली पर सोना 50,440 रुपए था, जो अब बढ़कर 61,100 रुपए हो गया है। यानी 21% का अच्छा लाभ हुआ है। इसी तरह पिछले साल दिवाली पर चांदी 57,000 रुपए थी, जो अब बढ़ते हुए 72,000 रुपए हो गयी है। यानी चांदी में 26% की तेजी दर्ज हुई है।क्या हैं तेजी के कारण?इस तेजी का सबसे कारण इजराइल-हमास युद्ध है। जिसकी वजह से विश्व स्तर पर सबसे सुरक्षित निवेश (Safe Investment) के रूप में निवेशक सोने में निवेश बढ़ा रहे हैं। दुनिया में जब भी युद्ध या आर्थिक अस्थिरता का माहौल बनता है। सोने में तेजी आने लगती है।
रूस और चाइना कर रहे सबसे ज्यादा गोल्ड की खरीद
इससे पहले रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण भी तेजी आ गयी थी। इसके अलावा, गोल्ड में आगे भी लंबी तेजी का जो अनुमान व्यक्त किया जा रहा है। उसकी एक सबसे बड़ी वजह यह है कि निवेश और उपभोक्ता मांग के अलावा दुनिया के कई बड़े देशों द्वारा गोल्ड की लगातार खरीद करना है। इसमें सबसे आगे रूस, चाइना और भारत हैं। इन तीनों बड़े देशों के केंद्रीय बैंक (Central Banks) अपने फोरेक्स रिजर्व में अमेरिकी डॉलर कम कर सोने का भंडार (Gold Reserve) बढ़ा रहे हैं। रूस और चाइना तो सबसे ज्यादा गोल्ड की खरीद कर रहे हैं। एक दशक में रूस ने अपने रिजर्व में करीब 155% की भारी वृद्धि की है। इसी तरह चाइना के केंद्रीय बैंक ने भी अपना गोल्ड रिजर्व दोगुना कर करीब 2,000 टन कर लिया है। इसलिए आगे सोने में मंदी की कोई संभावना नहीं दिख रही है बल्कि तेजी के ही आसार अधिक हैं।
70,000 रुपए पहुंच सकता है गोल्ड: सौरभ गाडगिल
PNG ज्वेलर्स के अध्यक्ष सौरभ गाडगिल (Saurabh Gadgil) का कहना है कि जैसा कि मैंने पिछले साल भी तेजी जारी का अनुमान व्यक्त किया था, वह पूरी तरह सही रहा। अब विश्व स्तर पर जो हालात बन रहे हैं, उन्हें देखते हुए गोल्ड का लॉन्ग टर्म आउटलुक काफी ‘बुलिश’ (Bullish) है। रूस-यूक्रेन के बीच संघर्ष के बाद अब इजरायल-हमास के बीच जंग छिड़ने से वैश्विक अर्थव्यवस्था में अस्थिरता की स्थिति बन गयी है। अमेरिका के बाद यूरोप के बैंकिंग क्षेत्र की स्थिति नाजुक हो रही है। ये सभी फैक्टर गोल्ड में तेजी को बल दे रहे हैं। इसके अलावा अमेरिका में इंटरेस्ट रेट्स (Interest Rates) और बॉन्ड यील्ड (Bond Yields) लगभग ‘पीक’ (Peak) पर पहुंच गयी हैं। अब अगले साल रेट्स में कटौती होने पर सोने में निवेशकों का आकर्षण और बढ़ेगा। इसलिए हर गिरावट में गोल्ड में निवेश बढ़ाना फायदेमंद सिद्ध होगा। केंद्रीय बैंकों से लेकर फंड हाउस और आम निवेशक, सभी सोने में लगातार निवेश कर रहे हैं। लिहाजा अगले दो-तीन साल अच्छी तेजी के आसार दिख रहे हैं। अगली दिवाली तक सोना 20 से 25% का फायदा दे सकता है और दाम 68,000 से 70,000 रुपए तक पहुंचने की उम्मीद है। सिल्वर में भी तेजी जारी रहने की संभावना है क्योंकि सिल्वर की मांग कई उद्योग क्षेत्रों में बढ़ रही है। साथ ही निवेश मांग भी बढ़ने लगी है।
चांदी से ज्यादा सोने में फायदा: संजय शाह
ज्वैलमेकर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय शाह (Sanjay Shah) का कहना है कि सोना एक ऐसा इन्वेस्टमेंट है, जिसने लंबी अवधि में हमेशा अच्छा फायदा देने के साथ वेल्थ (Wealth) बनाई की है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि दुनिया में सोना ही एक ऐसी इंटरनेशनल करेंसी है। जिसकी संकटपूर्ण समय और आर्थिक मंदी में वैल्यू बढ़ती है तथा जरूरत पड़ने पर पूरी वैल्यू तुरंत मिलती है। इसी कारण भारतीयों का सोने के प्रति सदियों से लगाव है। लॉन्ग टर्म में सोने ने ही अधिक फायदा दिया है। 10 साल पहले वर्ष 2011 में सोना 29,000 रुपए प्रति दस ग्राम के स्तर पर था, जो अब बढ़ते हुए 61,000 रुपए के पार हो गया है। यानी विगत 10 वर्षों में सोने में दोगुने से अधिक कुल 110% का जोरदार फायदा प्राप्त हुआ है। जबकि चांदी के दाम 10 साल पहले वर्ष 2011 में 44,000 रुपए प्रति किलो थे, जो अब बढ़कर 71,000 रुपए के स्तर पर पहुंचे हैं। यानी चांदी में 61% का ही रिटर्न प्राप्त हुआ है। इस तरह सोने में निवेश करना अधिक फायदे का सौदा है। अगले 6 महीनों में सोना 65,000 रुपए और चांदी 75,000 रुपए तक पहुंचने के प्रबल आसार दिख रहे हैं।