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ब्रिक्स समिट में गरजे एस जयशंकर, ट्रेड पैटर्न पर उठाए सवाल; बिना नाम लिए ट्रंप को भी दिखाया आइना

S Jaishankar: विदेश मंत्री ने आगे कहा कि जब कई समस्या हों तो हमारा उद्देश्य ऐसे झटकों से बचाव करना होना चाहिए। इसका अर्थ है अधिक लचीली, विश्वसनीय, अनावश्यक और छोटी सप्लाई चेन बनाना।

  • By मनोज आर्या
Updated On: Sep 09, 2025 | 10:44 AM

एस जयशंकर, (विदेश मंत्री)

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Brics Summit: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को वैश्विक आर्थिक विमर्श में व्यापार पैटर्न और बाजार पहुंच को प्रमुख मुद्दा बताया। उन्होंने कहा कि दुनिया को टिकाऊ व्यापार को बढ़ावा देने के लिए रचनात्मक और सहयोगात्मक दृष्टिकोण की आवश्यकता है। ब्रिक्स नेताओं के वर्चुअल शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सामूहिक रूप से दुनिया व्यापार और निवेश के लिए एक स्थिर और पूर्वानुमानित वातावरण की तलाश कर रही है। साथ ही, यह जरूरी है कि आर्थिक व्यवहार निष्पक्ष, पारदर्शी और सभी के हित में हो।

विदेश मंत्री ने आगे कहा कि जब कई समस्या हों तो हमारा उद्देश्य ऐसे झटकों से बचाव करना होना चाहिए। इसका अर्थ है अधिक लचीली, विश्वसनीय, अनावश्यक और छोटी सप्लाई चेन बनाना। इतना ही नहीं, यह भी जरूरी है कि हम मैन्युफैक्चरिंग और उत्पादन का लोकतंत्रीकरण करें और विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में उनके विकास को प्रोत्साहित करें। इस संबंध में प्रगति क्षेत्रीय आत्मनिर्भरता में योगदान देगी और अनिश्चितता के समय में चिंताओं को कम करेगी।

टिकाऊ व्यापार को बढ़ावा देने की जरूरत

अपने संबोधन में एस जयशंकर ने कहा कि व्यापार पैटर्न और बाजार पहुंच आज वैश्विक आर्थिक विमर्श में प्रमुख मुद्दे हैं। दुनिया को टिकाऊ व्यापार को बढ़ावा देने के लिए रचनात्मक और सहयोगात्मक दृष्टिकोण की आवश्यकता है। बढ़ती बाधाएं और लेन-देन को जटिल बनाने से न कोई मदद मिलेगी और न ही व्यापार उपायों को गैर-व्यापारिक मामलों से जोड़ने से कोई मदद मिलेगी।

ब्रिक्स स्वयं अपने सदस्य देशों के बीच व्यापार प्रवाह की समीक्षा करके एक मिसाल कायम कर सकता है। जहां तक भारत का सवाल है, हमारे कुछ सबसे बड़े घाटे ब्रिक्स भागीदारों के साथ हैं और हम शीघ्र समाधान के लिए दबाव डाल रहे हैं। हमें उम्मीद है कि यह अहसास आज की बैठक के निष्कर्षों का हिस्सा होगा।

इंटरनेशनल ट्रेड सिस्टम पर विदेश मंत्री का बयान

विदेश मंत्री ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रणाली खुले, निष्पक्ष, पारदर्शी, गैर-भेदभावपूर्ण, समावेशी, न्यायसंगत और विकासशील देशों के लिए विशेष और विभेदक व्यवहार के साथ नियम-आधारित दृष्टिकोण के मूलभूत सिद्धांतों पर आधारित है। उन्होंने आगे कहा कि भारत का दृढ़ विश्वास है कि इसे संरक्षित और पोषित किया जाना चाहिए।

दुनिया की स्थिति वास्तविक चिंता का विषय

कोविड महामारी, यूक्रेन और पश्चिम एशिया में संघर्ष, व्यापार और निवेश प्रवाह में अस्थिरता और चरम जलवायु घटनाओं के कारण हुए प्रभावों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया की स्थिति वास्तविक चिंता का विषय है। इन चुनौतियों के सामने बहुपक्षीय व्यवस्था दुनिया के लिए विफल होती दिख रही है। इतने सारे गंभीर तनावों को अनदेखा किया जाना स्वाभाविक रूप से वैश्विक व्यवस्था के लिए परिणामकारी है। इसी समग्र चिंता पर अब ब्रिक्स चर्चा कर रहा है।

ये भी पढ़ें: भारत के 100 रुपये की नेपाल में कितनी वैल्यू? ज्यादा या कम…; देखें पूरी डिटेल

ब्रिक्स में कुल कितने देश हैं?

बता दें कि ब्रिक्स 11 देशों का एक समूह है, जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, इथियोपिया, इंडोनेशिया और ईरान शामिल हैं। यह वैश्विक दक्षिण के देशों के लिए और सबसे विविध क्षेत्रों में समन्वय के लिए एक राजनीतिक और कूटनीतिक समन्वय मंच के रूप में कार्य करता है।

Foreign minister s jaishankar raised issues related to trade patterns market access in brics summit

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Published On: Sep 09, 2025 | 10:44 AM

Topics:  

  • BRICS Summit
  • Business News
  • India
  • S Jaishankar

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