प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली: सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) ने एक लेटेस्ट रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें इस बात का खुलासा हुआ है कि देश का आम नागरिक अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में किन चीजों पर अधिक खर्च कर रहा है। इसके अलावा इस रिपोर्ट में ये भी जानकारी दी गई है कि वे किन चीजों पर खर्च करने में कटौती कर रहे हैं। सीएमआईई ने अपने रिपोर्ट में बताया है कि देश के सामान्य इनकम वाले लोग कपड़ों से ज्यादा शराब और कोल्ड ड्रिंक्स पर खर्च कर रहे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2023-24 में लोगों ने 7.29 लाख करोड़ रुपये जहां कपड़ों पर खर्च दिए। वहीं, शराब पर 1.20 लाख करोड़ रुपये खर्च किए। इससे एक साल पहले 2022-23 में जहां लोगों ने कपड़ों पर 7.60 लाख करोड़ रुपये खर्च किए थे। वहीं, शराब पर 0.95 लाख करोड़ रुपये खर्च किए थे। इससे साफ पता चलता है कि इस साल के दरमियान कपड़ों पर खर्च घटा है, जबकि शराब पर खर्च 26 प्रतिशत तक बढ़ गया है।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की रिपोर्ट के अनुसार, 2022-23 के मुकाबले 2023-24 में अपनी खुद की कार की खरीद पर भी लोगों ने जमकर खर्च किया है, जो कि पिछले साल के 2.64 लाख था, वह अब एक साल बाद 3.26 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा छू लिया है। वहीं, ट्रांसपोर्ट सर्विस की बात करें तो यहां भी खर्च में इजाफा देखा गया। यह खर्च 2022-23 के 14.32 लाख करोड़ से बढ़कर 2023-24 में 15.50 लाख करोड़ रुपये हो गया। रिपोर्ट यह दर्शाता है कि खुद की गाड़ी खरीदने पर किए जाने वाले खर्च पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए किए जाने वाले खर्च से तीन गुना बढ़ा है।
देश में अब धीरे-धीरे लोग अपने हेल्थ को लेकर भी काफी जागरूक हो रहे हैं। रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार, इस दरमियान स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं पर 18.75 प्रतिशत खर्च बढ़ा है, जो कि 2022-23 में 8.48 लाख रहा। वहीं, एक साल यानी की 2023-24 में यह 10.07 लाख करोड़ रुपये हो गया है। हालांकि, बीमा प्रीमियम पर खर्च 3.39 प्रतिशत घट गया है, जहां 2022-23 में यह 1.77 लाख करोड़ रुपये रहा था। वहीं, 2023-24 में यह घटकर 1.71 लाख करोड़ रुपये हो गया।
इस अवधी के दौरान एंटरटेंमेंट हुए कुल खर्च में 1.38 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। वहीं, इंटनेट और कॉल पर होने वाले खर्च में 8 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है। साल 2023-24 में खाने-पीने की चीजों पर हुए खर्च की हिस्सेदारी 28 प्रतिशत (5.15 लाख करोड़ रुपये रही, जो पिछले एक साल की तुलना में 8.6 प्रतिशत ज्यादा है। इसकी पीछे का कारण बढ़ती हुई महंगाई को बताया जा सकता है। सब्जियों से लेकर फल, अनाज-दाल, दूध, अंडे, चीनी हर चीज पर खर्च एक साल के मुकाबले बढ़ा है।