स्टील ( सौजन्य : सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : कॉमर्स मिनिस्ट्री की इंवेस्टिगेशन ब्रांच व्यापार उपचार महानिदेशालय यानी डीजीटीआर ने डोमेस्टिक स्टील प्रोड्यूसर के इंपोर्ट को बढ़ाने के उद्देश्य से कुछ स्टील प्रोडक्ट्स पर 200 दिन के लिए 12 प्रतिशत की टेम्पररी सिक्योरिटी फीस लगाने की सिफारिश की है।
व्यापार उपचार महानिदेशालय यानी डीजीटीआर ने पिछले साल दिसंबर में फैब्रिकेशन, पाइप मैन्युफैक्चरिंग, मैन्युफैक्चरिंग, पूंजीगत सामान, ऑटो, ट्रैक्टर, साइकिल और इलेक्ट्रिकल पैनल समेत विभिन्न उद्योगों में उपयोग किए जाने वाले गैर-मिश्र धातु व मिश्र धातु इस्पात ‘फ्लैट’ उत्पादों के इंपोर्ट में अचानक बढ़त की जांच शुरू की थी।
इंडियन स्टील एसोसिएशन द्वारा उसके सदस्यों की ओर से की गई शिकायत के बाद यह जांच की गई। एएमएनएस खोपोली, जेएसडब्ल्यू स्टील, आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया, जेएसडब्ल्यू स्टील कोटेड प्रोडक्ट्स, भूषण पावर एंड स्टील, जिंदल स्टील एंड पावर और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड इस संघ के सदस्य हैं। महानिदेशालय ने अपनी इंवेस्टिगेशन में प्रारंभिक रूप से पाया कि भारत में इन प्रोडक्ट्स के इंपोर्ट में हाल ही में अचानक, तीव्र व महत्वपूर्ण बढ़त हुई है, जिससे घरेलू उद्योग/उत्पादकों को गंभीर क्षति पहुंचने का खतरा है।
डीजीटीआर ने 18 मार्च की अपने नोटिफिकेशन में कहा कि ऐसी गंभीर परिस्थितियां मौजूद हैं, जहां अस्थायी सुरक्षा उपायों के आवेदन में किसी भी तरह की देरी से ऐसा नुकसान होगा जिसकी भरपाई करना मुश्किल होगा। अस्थायी सुरक्षा उपायों को तुंरत लागू करने की जरूरत है। नोटिफिकेशन के अनुसार ये कहा है कि प्राधिकरण ने विचाराधीन उत्पाद के इंपोर्ट में आखिरी फैसला होने तक 200 दिन के लिए 12 प्रतिशत यथामूल्य की दर से टेम्पररी सिक्योरिटी फीस लगाने की सिफारिश की है।
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वित्त मंत्रालय यह शुल्क लगाने पर अंतिम फैसला लेगा। इंडस्ट्रियल वर्ल्ड के अनुसार, चीन, जापान और दक्षिण कोरिया में डिमांड में कमी के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। इन उत्पादों का इंपोर्ट 2021-22 के दौरान 22.93 लाख टन से बढ़कर इंवेस्टिगेशन पीरियड (अक्टूबर 2023 से सितंबर 2024 और तीन पूर्ववर्ती वित्त वर्ष 2021-24) के दौरान 66.12 लाख टन हो गया। चीन, जापान, कोरिया और वियतनाम सहित देशों से इंपोर्ट में बढ़त हुई है। नोटिफिकेशन में कहा गया कि इस फीस का उद्देश्य इंपोर्ट में बढ़त के उलट भारतीय घरेलू उद्योग की रक्षा करना है।