अमेरिका और चीन के बीच बन गई बात, अब ग्लोबल ट्रेड के सुधरेंगे हालात (सोर्स - सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: पिछले 2 दिनों से दुनिया के 2 सबसे शक्तिशाली देशों अमेरिका और चीन के बीच में 2 दिनों तक हाई लेवल मीटिंग चली है। इस मीटिंग में रविवार को एक पॉजिटिव मोड़ पर खत्म हो गई है। बताया जा रहा है कि ये हाई लेवल ट्रेड मीटिंग एक सकारात्मक मोड़ पर खत्म हुई है। दोनों देशों के ऑफिसर्स ने इस मीटिंग के प्रोग्रेसिव बताया है, हालांकि इससे जुड़ी कोई भी जानकारी अभी सामने नहीं आयी है। दोनों पक्षों ने ऐलान किया है कि वे सोमवार को एक संयुक्त बयान जारी करेंगे, जिसमें इस बातचीत का निष्कर्ष सामने आएगा।
अमेरिकी ऑफिसर्स ने इसे डील बताया है, जिससे अमेरिका के ट्रेड डेफिशिएंट को कम करने में मदद मिल सकती है। साथ ही चीनी उप-प्रधानमंत्री हे लिफेंग ने इस मीटिंग को सार्थक और रचनात्मक संवाद करार दिया है। साथ ही ये कहा है कि इस मीटिंग को लेकर दोनों देश सोमवार को ज्वाइंट स्टेटमेंट दे सकते हैं। चीन के उप-वाणिज्य मंत्री ली चेंगगांग ने इसे पूरी दुनिया के लिए गुड न्यूज बताया है।
ये मीटिंग दुनिया की दो सबसे बड़ी इकोनॉमी के बीच चल रहे ट्रेड वॉर को शांत करने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी। इस ट्रेड वॉर ने ग्लोबल इकोनॉमी को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा फरवरी के महीने में शुरू किए गए टैरिफ अटैक और इसके जवाब में बीजिंग के रिएक्शन ने दोनों देशों के बीच लगभग 600 बिलियन डॉलर के वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार को लगभग ठप कर दिया है। अमेरिका ने चीनी सामानों पर 145 प्रतिशत और चीन ने अमेरिकी सामानों पर 125 प्रतिशत टैरिफ लगाए हैं।
शनिवार और रविवार को स्विट्जरलैंड के यूएन एबेंसेडर के ऑफिशियल रेसिडेंट पर आयोजित इस वार्ता में अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेन्ट, अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमिसन ग्रीर और चीनी उप-प्रधानमंत्री हे लिफेंग ने हिस्सा लिया। यह ट्रंप के कार्यकाल में दोनों देशों के सीनियर इकोनॉमिक ऑफिसर की पहली आमने-सामने की बैठक थी।
हालांकि बातचीत में काफी प्रगति की बात कही गई, लेकिन 145 प्रतिशत अमेरिकी टैरिफ और 125 प्रतिशत चीनी टैरिफ को लेकर कोई सीधी बात सामने नहीं आई। अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीयर और ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेन्ट ने पत्रकारों से बातचीत में कहा है कि एग्रीमेंट की डिटेल्ड इंफॉर्मेशन सोमवार को साझा की जाएगी। हालांकि, उन्होंने प्रेस से कोई सवाल नहीं लिया।
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ग्रीयर ने कहा है कि हमने अपने चीनी पार्टनर्स के साथ एक डील की है जो 1.2 ट्रिलियन डॉलर के अमेरिकी ग्लोबल ट्रेड डेफिशिएंट को कम करने में मदद करेगी। बातचीत बहुत ही रचनात्मक रही और यह समझना जरूरी है कि हम कितनी जल्दी इस एग्रीमेंट पर पहुंचे।