
बजट में मिडिल क्लासे के लिए 5 योजनाओं का ऐलान (डिजाइन फोटो)
नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का बजट पेश करते हुए समाज के विभिन्न तबकों का न सिर्फ विशेष ध्यान रखा, बल्कि बजट पर मध्यम वर्ग का भी ध्यान रखने की कोशिश की गयी। युवाओं से लेकर किसानों तक को बड़ी सौगातें दी गई हैं।
बजट में मिडिल क्लास लोगों का भी विशेष ध्यान रखा गया है। बजट में मिडिल क्लास लोगों को आर्थिक मोर्चे पर समृद्ध करने की दिशा में कई कदम उठाए गए हैं। इससे पहले फरवरी में पेश किए गए अंतरिम बजट में मिडिल क्लास लोगों के लिए आवास योजना भी शुरू करने की बात कही गई थी। इसके अलावा, मिडिल क्लास के लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए रूफ टॉप सोलर एनर्जी का भी ऐलान किया था।
बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि निकट भविष्य में हमारी सरकार मिडिल क्लास के लोगों के लिए सरकार कई योजनाएं बनाएगी। किराए के मकान में रहने वाले लोगों को अपना घर उपलब्ध कराने के लिए सरकार की ओर आर्थिक सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। मोदी सरकार ने लोगों को अपना घर उपलब्ध कराने की दिशा में कमर कस ली है।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने पांच नई घोषणाएं की हैं। वित्त मंत्री ने अपनी पहली घोषणा के बारे में बताते हुए कहा, “सभी औपचारिक क्षेत्रों में नए कर्मचारियों को एकमुश्त वेतन – ईपीएफओ में पंजीकृत लोगों को 15 हजार रुपये तक का सीधा हस्तांतरण।”
इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री ने शहरों में औद्योगिक पार्क भी बनाने का ऐलान किया है। इसमें एक करोड़ से भी अधिक युवाओं को प्रशिक्षण देने की घोषणा की है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि मध्यमवर्गीय परिवारों में युवाओं पर बड़ी जिम्मेदारी होती है। उन्हीं के सहारे पर पूरा परिवार टिका रहता है, जिसे ध्यान में रखते हुए हमने युवाओं को नौकरी देने के लिए कई तरह की योजनाएं शुरू करने का फैसला किया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि मिडिल क्लास के लोगों के उत्थान के लिए एमएसएमई पर खास फोकस कर रहे हैं। हम आगामी दिनों में युवाओं के लिए रोजगार के नए–नए अवसर सृजित करने के लिए कई कदम उठाएंगे।
वित्त मंत्री ने मध्यमवर्गीय परिवारों को एजुकेशन प्राप्त करने में हो रही दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए एजुकेशन लोन की सुविधा विकसित की है। वित्त मंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले मध्यमवर्गीय परिवार से जुड़े युवाओं को 10 लाख रुपए लोन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘जिन लोगों ने पहले ऋण लिया है और उसका भुगतान कर दिया है, उनके लिए मुद्रा ऋण की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपए की जाएगी।’ मध्यम वर्ग के लिए, उन्होंने मानक कटौती 50 प्रतिशत बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दी और नई आयकर व्यवस्था का विकल्प चुनने वाले करदाताओं के लिए कर स्लैब में बदलाव किया। मानक कटौती के तहत आयकर की गणना करने से पहले वर्ष में अर्जित कुल वेतन में से निश्चित राशि घाटा दी जाती है।
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उन्होंने कहा कि इससे करदाताओं को नई कर व्यवस्था के तहत सालाना 17,500 रुपये तक की बचत होगी। नई व्यवस्था में कर की दरें कम हैं। हालांकि, इसमें कोई छूट भी नहीं है। रोजगार को बढ़ावा देने के लिए, बजट में कंपनियों के लिए प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है। इसमें पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों के लिए एक महीने के वेतन का भुगतान और रोजगार के पहले चार वर्षों में उनके सेवानिवृत्ति निधि योगदान के संबंध में नियोक्ताओं को प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के ईपीएफओ योगदान के लिए दो साल के लिए 3,000 रुपये प्रति माह तक का ‘रिम्बर्समेंट’ शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, कौशल में सुधार के साथ छात्रों के लिए इंटर्नशिप के लिए एक कार्यक्रम चलाया जाएगा। उच्च शिक्षा के लिए रियायती कर्ज भी प्रदान किया जाएगा। शहरी क्षेत्रों में भारत की आधिकारिक बेरोजगारी दर 6.7 प्रतिशत आंकी गई है, लेकिन निजी एजेंसियां इसे कहीं अधिक ऊंचे स्तर पर रखती हैं। सीतारमण ने कहा कि सरकार का राजकोषीय घाटा 2024-25 में सकल घरेलू उत्पाद का 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह 2024-25 के लिए फरवरी में पेश अंतरिम बजट में अनुमानित 5.1 प्रतिशत से कम है। इसका कारण मजबूत कर संग्रह और भारतीय रिजर्व बैंक से अपेक्षा से अधिक लाभांश प्राप्ति है।
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उन्होंने सकल बाजार उधारी को मामूली घटाकर 14.01 लाख करोड़ रुपये कर दिया। वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में तीन करोड़ किफायती आवास इकाइयों के निर्माण के लिए सहायता, छोटे और मझोले उद्यमों को कर्ज सहायता प्रदान की गई है।
इसके अलावा, मुद्रा योजना के तहत छोटे उद्यमों के लिए कर्ज सीमा बढ़ाकर 20 लाख रुपये, 12 औद्योगिक पार्क स्थापित करने का प्रस्ताव और अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए 1,000 करोड़ रुपये का उद्यम पूंजी कोष स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया है। बजट में उधारियों को छोड़कर कुल प्राप्तियां 32.07 लाख करोड़ और व्यय 48.21 लाख करोड़ रहने का अनुमान लगाया गया है। शुद्ध कर प्राप्ति 25.83 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है।
–एजेंसी इनपुट के साथ






