इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर (सौ. सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : देश की आम जनता को रोजाना की जिंदगी में इस्तेमाल होने वाली चीजों के सस्ता या महंगे होने का बहुत ज्यादा असर होता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में आम बजट पेश करते हुए हर सेक्टर के लिए कुछ ना कुछ किया है, ऐसे में इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर कैसे पीछे रह सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए इस सेक्टर के लिए बड़ा ऐलान किया है।
आपको बता दें कि सरकार ने आम जनता को राहत देने के लिए मोबाइल फोन और स्मार्ट टीवी सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स की कीमतों को सस्ता कर दिया है। सरकार ने मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनियों के साथ-साथ देश के आम नागरिकों की भी झोली भर दी है।
बजट के पेश होने से पहले मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनियों ने सरकार से इंपोर्ट ड्यूटी को घटाने की डिमांड की थी। कंपनियों का कहना था कि यदि सरकार ड्यूटी को कम करती है, तो इसका सीधा असर ग्राहकों को होगा। मोदी सरकार की थर्ड टर्म में बजट पेश करते हुए इस पूर्ण बजट में लोगों की जरूरतों के अलावा उनकी जेब का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
स्मार्टफोन और स्मार्ट टीवी के सस्ते होने से अब लोगों को इन उत्पादों को खरीदने के लिए कम पैसे खर्च करना होंगे, जिसका सीधा मतलब है कि जनता के पैसों की बचत होगी। मोदी सरकार देश में बैटरी मैन्युफैक्चरिंग पर भी ज्यादा जोर दे रही है, लिथियम बैटरी बनाने वाली कंपनियों को बढ़वा दिया जाने वाला है। इसके कारण भारत में मोबाइल फोन की बैटरी बनाने की लागत भी कम हो सकती है।
भारत में मोबाइल फोन इंपोर्ट पर निर्भरता को काफी हद तक कम किया गया है। इस समय देश में ऐसी बहुत सी कंपनियां है जो घरेलू स्तर पर ही मोबाइल फोन को मैन्युफैक्चर कर रही है। निर्मला सीतारमण ने इस बजट 2025 में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बैटरी को मैन्युफैक्चर करने के लिए 35 अतिरिक्त कैपिटल गुड्स और फोन की बैटरी को मैन्युफैक्चर करने के लिए 28 अतिरिक्त कैपिटल गुड्स का प्रस्ताव रखा गया है। इसके साथ ही मोबाइल फोन के अलावा अब अगर कोई ग्राहक नया एलसीडी या एलईडी टीवी खरीदना चाहता है, तो उसे सस्ती कीमतों पर खरीद सकता है, जिससे उसके पैसों की बचत होगी।
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एलसीडी और एलईडी टीवी में उपयोग होने वाले ओपन सेल्स और कंपोनेंट्स पर लगने वाली 2.5 प्रतिशत ड्यूटी को हटाया गया है, लेकिन वहीं दूसरी ओर टीवी पैनल में लगने वाली इंपोर्ट ड्यूटी को बढ़ाकर 10 प्रतिशत से 20 प्रतिशत तक कर दिया गया है, जिसके कारण प्रीमियम टीवी खरीदना महंगा हो सकता है।