प्रधानमंत्री मुद्रा योजना
नई दिल्ली : बैंकों ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। वित्त वर्ष 2024-25 के सिर्फ चौथे महीने में ही पीएमएमवाई की तरुण प्लस कैटेगरी के अंतर्गत लगभग 25,000 लाभार्थियों को जोड़ा है। इसके अंतर्गत कर्ज लेने वालों को 20 लाख रुपये तक का लोन दिया जाता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस स्कीम का ऐलान अपने पिछले जुलाई के बजट में किया था।
वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में किए गए ऐलान के अनुसार, उन उद्यमियों के लिए लोन लिमिट दोगुनी करके 20 लाख रुपये कर दी गई है, जिन्होंने तरुण कैटेगरी के अंतर्गत पिछले लोन का लाभ उठाया है और उसे सफलतापूर्वक चुकाया था। बजट ऐलान के बाद, तरुण प्लस योजना को 25 अक्टूबर, 2024 को अधिसूचित किया गया था।
वित्तीय सेवा सचिव एम नागराजू ने पीएमएमवाई की उपलब्धियों के बारे में जानकारी देते हुए पत्रकारों को बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान सिर्फ 4 महीने में 24,557 नए उधारकर्ताओं ने ‘तरुण प्लस’ कैटेगरी के अंतर्गत 3,790 करोड़ रुपये का कर्ज लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 अप्रैल, 2015 को पीएमएमवाई की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य योजना से जुड़े वित्तीय संस्थानों के माध्यम से 20 लाख रुपये तक का बिना किसी गारंटी के संस्थागत कर्ज उपलब्ध कराना था।
नागराजू ने कहा कि इस स्कीम की शुरुआत से अबतक 33.65 लाख करोड़ रुपये के 52.37 करोड़ से ज्यादा लोन स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से लगभग 20 प्रतिशत लोन नए उद्यमियों को दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि 68 प्रतिशत कर्ज महिला उद्यमियों को दिए गए हैं और 50 प्रतिशत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/पिछड़े वर्ग के लोगों को दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि लोन का औसत आकार 40,000 रुपये से बढ़कर 1.05 लाख रुपये हो गया है। यह इस आकार के कर्ज वाला दुनिया का सबसे बड़ा कार्यक्रम है।
योजना के अंतर्गत औसत सकल एनपीए यानी गैर-निष्पादित परिसंपत्ति में लगातार गिरावट आ रही है। वित्त वर्ष 2023-24 में यह घटकर 2.21 प्रतिशत रह गया है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की अलग-अलग पहल के माध्यम से नये उद्यमियों से लेकर मेहनती किसानों तक सभी पक्षों की वित्तीय जरूरतों पर ध्यान दिया जाता है।
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पीएमएमवाई के अंतर्गत, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक यानी आरआरबी, लघु वित्त बैंक यानी एसएफबी, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां यानी एनबीएफसी, छोटी राशि के कर्ज देने वाले संस्थान यानी एमएफआई 10 लाख रुपये तक का बिना किसी गारंटी का लोन देती हैं। ये लोन मैन्युफैक्चरिंग, बिजनेस और सेवा क्षेत्रों में आय-उत्पादक गतिविधियों और कृषि से जुड़े कार्यों के लिए दिये जाते हैं। ये स्कीम छोटे उद्यमों को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की गई है। इसके अंतर्गत, बैंक तीन श्रेणियों – शिशु (50,000 रुपये तक), किशोर (50,000 रुपये से पांच लाख रुपये के बीच) और तरुण (20 लाख रुपये) के तहत ऋण बिना किसी गारंटी के प्रदान करते हैं।