ऑटोमोबाइल सेक्टर (सौजन्य : सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : आरबीआई के द्वारा रेपो रेट में 0.50 बेसिक प्वाइंट की कटौती के फैसले का सीधा असर ऑटोमोबाइल सेक्टर पर भी होता हुआ नजर आ रहा है। ऑटोमोबाइल सेक्टर पर इसका पॉजिटिव इफेक्ट देखने के लिए मिल सकता है, क्योंकि व्हीकल लोन सस्ता हो जाएगा। ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चरर्स के निकाय सियाम ने इस बात की उम्मीद जतायी है।
भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए रेपो रेट में उम्मीद से ज्यादा 0.50 प्रतिशत कटौती का ऐलान किया है। ग्रोथ रेट पिछले वित्त वर्ष 2024-25 में 4 साल के निचले स्तर 6.5 प्रतिशत पर आ गई। रेपो रेट में कटौती के बाद प्रमुख नीतिगत दर घटकर 3 साल के निम्नतम स्तर 5.5 प्रतिशत पर आ गई जिससे होम, व्हीकल और कॉरपोरेट लोन लेने वालों को राहत मिली।
भारतीय वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम ने कहा है कि रेपो रेट में इस लेवल की कटौती से ऑटोमोबाइल सेक्टर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा क्योंकि इससे कम लागत पर वित्त तक पहुंच बढ़ेगी, जिससे मार्केट में कंज्यूमर्स के बीच सकारात्मक धारणा पैदा होगी।
भारतीय वाहन कलपुर्जा विनिर्माता संघ यानी एक्मा ने कहा कि रेपो रेट में 0.50 प्रतिशत की कटौती और नकद आरक्षित अनुपात यानी सीआरआर में ढील देने का आरबीआई का फैसला, घरेलू डिमांड को प्रोत्साहित करने और इंडस्ट्रियल ग्रोथ को समर्थन देने की दिशा में, खासकर ग्लोबल लेवल पर जारी चुनौतियों को देखते हुए समय पर उठाया गया एक एक्टिव कदम है।
एक्मा की अध्यक्ष श्रद्धा सूरी मारवाह ने कहा है कि रेपो रेट घटने से कंज्यूमर और बिजनेस, दोनों के लिए उधार लेने की लागत कम होने की उम्मीद है। इससे जटिल मैक्रोइकोनॉमिक वातावरण से गुजर रहे ऑटोमोबाइल सेक्टर को बहुत जरूरी प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि सीआरआर में कटौती से कैश फ्लो बढ़ने से कार्यशील पूंजी का दबाव कम होगा। इसका फायदा खासकर एमएसएमई यानी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम को होगा जो ऑटो पार्ट्स उद्योग की रीढ़ हैं।
महिंद्रा समूह के मुख्य कार्यपालक अधिकारी यानी सीईओ एवं प्रबंध निदेशक यानी एमडी अनीश शाह ने कहा कि आरबीआई का ये कदम व्यापक बेसिक इकोनॉमिक बातों में आरबीआई के भरोसे और पर्यावरण-अनुकूल विस्तार को समर्थन देने के लिए उसके सक्रिय दृष्टिकोण को दर्शाता है।
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शाह ने कहा कि इससे उधार लेने की कॉस्ट कम होगी, नकदी में सुधार होगा और भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर एवं मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की रफ्तार तेज होगी। रेनो इंडिया के सीईओ और एमडी वेंकटराम मामिलपल्ले ने कहा कि मॉनिटरी पॉलिसी से नकदी प्रवाह तेज होने और उपभोक्ताओं तक कम ब्याज दरों का लाभ पहुंचने में तेजी आने की उम्मीद है, जिससे अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ेगी।
(एजेंसी इनपुट के साथ)