बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (डिजाइन फोटो)
नई दिल्ली: सोमवार को दिल्ली में कुछ ऐसा हुआ जिसने बिहार की सियासत में भूचाल ला दिया। लोकसभा के बजट सत्र के दौरान बिहार की करीब 13 करोड़ लोगों की आबादी को झटका दे दिया गया। इस आबादी में बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी आते हैं। इस झटके के बाद वह एक सदाबहार सवाल फिर से सियासी फिजाओं में तैर गया है।
सोमवार को लोकसभा में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने साफ तौर पर कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा यह संभव ही नहीं हैं। पंकज चौधरी ने लोकसभा में ऑन रिकॉर्ड कहा है कि ‘बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि एनडीसी ने विशिष्ट विशेषताओं वाले राज्य को स्पेशल स्टेटस दिया है। बिहार इसके लिए फिट नहीं बैठता है।
लोकसभा में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के इस उवाच बिहार की राजनीति में दिलचस्पी लेने वाले सियासी पंडितो ने गुणा गणित लगाना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि इससे आगामी विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार और जेडीयू को तगड़ा नुकसान होने वाला है।
कुछ राजनीतिक पंडितों का यह भी मानना है कि नीतीश कुमार और जेडीयू लगातार बिहार को स्पेशल स्टेटस दिलाने की बात करते रहे हैं। इस बार उनके पास मौका भी था केन्द्र में उनकी पार्टी किंगमेकर के तौर पर शामिल है। ऐसे में वह दबाव बनाकर इस मांग को पूरा करवा सकते थे। लेकिन इनकार के साथ मौका चला गया है। अब नीतीश कुमार के पास विपक्ष के सवालों से बचने का कोई बहाना भी नहीं रहेगा।
विपक्ष की तरफ से भी नीतीश कुमार को लगातार घेरा जा रहा है। आरजेडी मुखिया लालू प्रसाद ने बिहार के सीएम पर तंज कसते हुए कहा है कि ऐसा लग रहा है नीतीश कुमार ने कुर्सी के लिए बिहार की उम्मीदों से समझौता कर लिया है। उन्होंने राज्य को स्पेशल स्टेटस दिलाने का वादा किया था। अब केन्द्र सरकार ने इनकार कर दिया है ऐसे में उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भी विपक्ष इस मुद्दे को लेकर नीतीश के खिलाफ नैरेटिव बना सकता है।
कहा यह जा रहा है कि नीतीश कुमार ने लगातार इस मुद्दे को लेकर राजनीति की है। बिहार की जनता ने भी उन भरोसा जताया है। लेकिन सहयोगी होने के बावजूद केन्द्र से मिला यह झटका बिहार की जनता का नीतीश कुमार से भरोसा उठा सकता है। जिसका असर आने वाले विधानसभा चुनावों में भी दिखाई देगा। कहा यह जाता है कि नुकसान या जाती हुई कुर्सी नीतीश कुमार को पलटी दे सकती है।