नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव (सोर्स-सोशल मीडिया)
पटना : बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला है। दरअसल, यह मामला NITI आयोग की गवर्निंग काउंसिल बैठक से जुड़ा है, जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में देशभर के मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालों ने हिस्सा लिया, लेकिन बिहार के सीएम नीतीश कुमार नदारद रहे।
तेजस्वी यादव ने दिल्ली में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, “नीतीश कुमार आज NDA की राजनीतिक बैठक में जरूर शामिल हुए, लेकिन कल NITI आयोग की महत्वपूर्ण बैठक में नहीं गए। यह दिखाता है कि वो बिहार और यहां के लोगों को लेकर कितने गंभीर हैं।”
तेजस्वी यादव का यह बयान उस समय आया जब खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘विकसित भारत@2047’ थीम पर सभी राज्यों को साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “यह किसी एक पार्टी का एजेंडा नहीं, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षा है। अगर हर राज्य, हर शहर और हर गांव मिलकर विकास की दिशा में काम करें तो 2047 से पहले ही ‘विकसित भारत’ का सपना साकार हो सकता है।”
बैठक की शुरुआत पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों की याद में एक मिनट के मौन से हुई। इस अहम बैठक में 24 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालों ने भाग लिया। लेकिन नीतीश कुमार की गैरमौजूदगी ने विपक्ष को उन्हें घेरने का बड़ा मौका दे दिया।
तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार को बिहार के मुद्दों पर चर्चा करने की बजाय NDA के राजनीतिक समीकरण में ज्यादा दिलचस्पी है। तेजस्वी ने आरोप लगाया, “जब देश की सर्वोच्च नीति निर्माण संस्था की बैठक हो रही हो और बिहार के मुख्यमंत्री उसमें शामिल न हों, तो यह स्पष्ट संदेश देता है कि वह सिर्फ कुर्सी और सत्ता में ही रुचि रखते हैं, राज्य के विकास में नहीं।”
पार्टी और परिवार से बेदखल हुए तेज प्रताप हैं करोड़ों के मालिक, जानें अब आगे क्या करेंगे लालू के लाल?
यह बैठक देश के समग्र विकास और सहकारी संघवाद (Cooperative Federalism) के विचार को सशक्त करने के लिए बेहद अहम मानी जाती है। इसमें राज्यों को नीति निर्माण में भागीदारी का मौका दिया जाता है। अब देखना होगा कि नीतीश कुमार की इस अनुपस्थिति पर खुद JDU और NDA का क्या स्पष्टीकरण आता है और क्या यह 2025 के बिहार विधानसभा चुनावों से पहले एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनता है।