RJD नेता तेजस्वी यादव (डिजाइन फोटो)
Tejashwi Yadav Profile: बिहार की राजनीति में तेजस्वी प्रसाद यादव एक ऐसा नाम बन चुके हैं, जो युवा नेतृत्व, विरासत और संघर्ष का प्रतीक है। 10 नवम्बर 1989 को जन्मे तेजस्वी न केवल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के पुत्र हैं, बल्कि उन्होंने खुद को एक स्वतंत्र राजनीतिक व्यक्तित्व के रूप में स्थापित करने की दिशा में कई अहम कदम उठाए हैं। अबकी चुनाव में उनको अन्य राजनीतिक दलों के साथ-साथ अलग हो चुके अपने भाई तेज प्रताप यादव से भी चुनौती मिल सकती है।
तेजस्वी यादव का प्रारंभिक जीवन एक क्रिकेटर के रूप में शुरू हुआ। उन्होंने दिल्ली पब्लिक स्कूल, आरके पुरम से पढ़ाई की, लेकिन कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा नहीं दी और क्रिकेट को अपना करियर बनाने का निर्णय लिया। उन्होंने झारखंड और दिल्ली की अंडर-19 टीमों के लिए खेला और आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स का हिस्सा भी रहे। विराट कोहली जैसे खिलाड़ियों के साथ खेलना उनके खेल जीवन की उपलब्धियों में शामिल है। हालांकि, क्रिकेट में अपेक्षित सफलता न मिलने के बाद उन्होंने राजनीति की ओर रुख किया।
क्रिकेटर के रूप में तेजस्वी यादव (सोर्स- सोशल मीडिया)
तेजस्वी की औपचारिक राजनीतिक शुरुआत 2013 की परिवर्तन रैली से हुई, लेकिन वे 2012 से ही अपने पिता के साथ चुनाव प्रचार में सक्रिय थे। 2014 के लोकसभा चुनावों में उन्हें पहली बार बड़े मंच पर देखा गया, जब लालू यादव ने अपने दोनों बेटों को गांधी मैदान की रैली में प्रस्तुत किया। 2015 के विधानसभा चुनावों में राघोपुर से जीत दर्ज कर उन्होंने 26 वर्ष की उम्र में उपमुख्यमंत्री पद हासिल किया, जो उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि थी।
तेजस्वी यादव ने 2020 के विधानसभा चुनावों में राजद के प्रचार अभियान की पूरी कमान संभाली और पार्टी को 75 सीटों पर जीत दिलाई। यह प्रदर्शन भाजपा (74 सीटें) और जदयू (43 सीटें) से बेहतर था, जिससे उनकी नेतृत्व क्षमता पर मुहर लगी। उन्होंने बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य और नोटबंदी जैसे मुद्दों को चुनावी मंच पर प्रमुखता से उठाया और युवाओं को अपने साथ जोड़ने की कोशिश की।
तेजस्वी का राजनीतिक सफर विवादों से अछूता नहीं रहा। मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों ने उनके करियर को झटका दिया। यह मामला उनके पिता के रेल मंत्री रहते हुए जमीन के बदले नौकरी देने से जुड़ा था। 2017 में ईडी ने उनसे नौ घंटे तक पूछताछ की। इस विवाद के चलते नीतीश कुमार ने राजद से गठबंधन तोड़कर भाजपा के साथ सरकार बना ली, जिससे तेजस्वी को उपमुख्यमंत्री पद गंवाना पड़ा।
तेजस्वी यादव (सोर्स- सोशल मीडिया)
2020 के चुनावी हलफनामे में तेजस्वी ने ₹4.73 करोड़ की चल संपत्ति और ₹1.15 करोड़ की अचल संपत्ति घोषित की। उनके पास 100 ग्राम सोने के आभूषण हैं और उन्होंने शेयर बाजार में भी निवेश किया है। यह पारदर्शिता उनके राजनीतिक व्यक्तित्व को एक जिम्मेदार नेता के रूप में प्रस्तुत करती है।
तेजस्वी यादव ने 9 दिसंबर 2021 को रेचल गोडिन्हो से विवाह किया, जो शादी के बाद राजश्री यादव के नाम से जानी जाती हैं। दोनों की दोस्ती स्कूल के दिनों से रही है। उनकी बेटी का नाम कात्यायनी है, जिसका जन्म चैत्र नवरात्रि की अष्टमी को हुआ। यह पारिवारिक पृष्ठभूमि उन्हें एक पारंपरिक और आधुनिक सोच वाले नेता के रूप में दर्शाती है।
तेजस्वी के राजनीतिक सलाहकार संजय यादव है। वे अब राज्यसभा सांसद हैं, उनके रणनीतिक निर्णयों में अहम भूमिका निभाते हैं। संजय की राजनीतिक समझ और संगठनात्मक कौशल ने तेजस्वी को एक मजबूत नेतृत्वकर्ता बनाने में मदद की है। ऐसा कहा जाता है कि अपने राजनीतिक फैसलों में वे पिता लालू और संजय यादव से ही सलाह लिया करते हैं।
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इस तरह से देखा जाए तो तेजस्वी यादव का राजनीतिक सफर विरासत, संघर्ष और नवाचार का मिश्रण है। उन्होंने युवा नेता के रूप में अपनी पहचान बनाई है, लेकिन विवादों और गठबंधन की राजनीति ने उन्हें बार-बार चुनौतियों के सामने खड़ा किया है। उनकी नेतृत्व क्षमता, जनसंपर्क कौशल और मुद्दों पर स्पष्टता उन्हें भविष्य का संभावित मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय नेता बना सकती है। हालांकि, उन्हें अपनी छवि को विवादों से दूर रखते हुए संगठनात्मक मजबूती और जनविश्वास को बनाए रखना होगा। फिलहाल बड़े भाई तेज प्रताप यादव लालू परिवार से अलग होकर अपने लिए नयी राजनीतिक पहचान बनाने की कोशिश कर रहे हैं। वह भी कुछ सीटों पर राजद के लिए मुश्किलें पैदा कर सकते हैं।