तेजस्वी यादव (Image- Social Media)
पटना: राजद नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने प्रधानमंत्री पर आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग (ईसी) को प्रभावित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। तेजस्वी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने चुनाव आयोग को बिहार की पूरी मतदाता सूची रद्द करने और 1987 से पहले के दस्तावेजों के आधार पर नई सूची तैयार करने का आदेश दिया है।
तेजस्वी यादव ने एक्स पर एक पोस्ट करते हुए आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव आयोग से बिहार की पूरी मतदाता सूची को रद्द कर देने और 1987 से पहले के कागजी सबूतों के आधार पर 25 दिनों के भीतर एक नई मतदाता सूची तैयार करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि चुनावी हार की हताशा में अब सरकार बिहार और उसके नागरिकों से उनके मतदान के अधिकार छीनने की साजिश कर रही है।
तेजस्वी ने आगे कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण के नाम पर लोगों के नाम मतदाता सूची से हटा दिए जाएंगे, जिससे उनकी बुनियादी कल्याणकारी योजनाओं तक पहुंच प्रभावित होगी। उन्होंने आरोप लगाया कि विशेष गहन पुनरीक्षण के बहाने सरकार मतदाता पहचान पत्र जारी करने में रुकावट डालेगी, जिसके परिणामस्वरूप लोग राशन, पेंशन, आरक्षण, छात्रवृत्ति और अन्य सरकारी योजनाओं से वंचित हो जाएंगे।
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तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि उन्होंने विपक्षी गठबंधन के अन्य नेताओं के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की। उन्होंने कहा, “कल मैंने महागठबंधन के सहयोगियों के साथ इस मुद्दे पर विस्तृत बातचीत की।” यह बयान बिहार में 243 विधानसभा सीटों के लिए होने वाले चुनाव से कुछ महीने पहले आया है। पीएम मोदी के नेतृत्व में भाजपा, एनडीए के बैनर तले नीतीश कुमार की जेडीयू के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है। वहीं, विपक्षी दलों के गठबंधन में तेजस्वी यादव की आरजेडी सत्ता को चुनौती देगी।