बिहार में चुनाव आयोग की बैठक (सोर्स- सोशल मीडिया)
Election Commission Meeting: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग की टीम बिहार के दौरे पर है। शनिवार को टीम ने सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। CEC ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी के साथ-साथ बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी विनोद सिंह गुंज्याल भी शामिल हुए।
इस बैठक में पारदर्शी, निष्पक्ष और सामंजस्यपूर्ण चुनाव कराने जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। चुनाव आयोग ने स्पष्ट रूप से कहा कि राजनीतिक दल लोकतंत्र की नींव हैं और चुनावी प्रक्रिया के हर चरण में उनकी सक्रिय भागीदारी बेहद ही आवश्यक है।
चुनाव आयोग ने सभी दलों से चुनाव को सौहार्दपूर्ण माहौल में एक उत्सव की तरह मनाने और मतदाताओं के सम्मान को प्राथमिकता देने की अपील की। आयोग ने यह भी याद दिलाया कि पारदर्शिता बनाए रखने के लिए राजनीतिक दलों को प्रत्येक मतदान केंद्र पर अपने स्वयं के मतदान एजेंट नियुक्त करने होंगे।
राजनीतिक दलों ने चुनावी प्रक्रिया में सुधार के लिए चुनाव आयोग द्वारा उठाए गए कदमों की भी सराहना की। कई राजनीतिक दलों ने मतदाता सूची के शुद्धिकरण के लिए लागू की गई एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) प्रक्रिया की विशेष रूप से सराहना की, क्योंकि इससे मतदाता सूची में विसंगतियां दूर हुईं।
इसके अलावा, प्रति मतदान केंद्र मतदाताओं की संख्या 1,200 तक सीमित करने के निर्णय की भी राजनीतिक दलों ने सराहना की। विशेष रूप से बिहार के संदर्भ में, दलों ने सुझाव दिया कि मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए चुनाव प्रचार छठ पर्व के ठीक बाद आयोजित हों और सरल एवं सुलभ प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए चरणों की संख्या कम की जाए।
यह भी पढ़ें: बिहार की सियासत में शिवराज की दस्तक, लालू यादव पर किया वार, कहा- कुर्सी के लिए किया बेटी का तिरस्कार
बैठक में, राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग द्वारा हाल ही में डाक मतपत्रों की गिनती और फॉर्म 17सी के प्रावधानों जैसे सुधारात्मक उपायों की भी सकारात्मक रूप से सराहना की। सभी दलों ने आयोग में पूर्ण विश्वास व्यक्त किया और स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने में अपना पूर्ण सहयोग देने की बात कही।
उल्लेखनीय है कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयोग की टीम बिहार के दो दिवसीय दौरे पर है और उम्मीद है कि चुनाव आयोग दौरे से लौटने के बाद बिहार चुनाव की तारीखों की घोषणा करेगा। कयास लगाए जा रहे हैं कि राज्य में छठ और दिवाली के ठीक बाद चुनाव हो सकते हैं।