राबड़ी और सीबीआई।
Rabri Devi IRCTC corruption Case: दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (IRCTC) होटल भ्रष्टाचार मामले में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी की ओर से दायर स्थानांतरण याचिका पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को नोटिस जारी कर दिया है। कोर्ट ने सीबीआई को इस याचिका पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई के लिए 6 दिसंबर को होगी।
राबड़ी अपने पति लालू प्रसाद, बेटे तेजस्वी यादव और अन्य के साथ मामले में मुकदमे का सामना कर रहीं। वह इन मामले को अन्य न्यायाधीश को स्थानांतरित करने की मांग कर रहीं, क्योंकि मामला फिलहाल अभियोजन पक्ष के गवाहों की सुनवाई के चरण में है। उनके वकील ने ईडी मामले के स्थानांतरण के लिए अलग याचिका दायर करने की बात कही है।
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आईआरसीटीसी होटल भ्रष्टाचार मामले में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी द्वारा दायर स्थानांतरण याचिका पर सुनवाई की। राबड़ी ने अनुरोध किया था कि उनके खिलाफ चल रहे मामले को अन्य न्यायाधीश को स्थानांतरित किया जाए। कोर्ट ने याचिका पर संज्ञान लेते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को निर्देश दिया कि वह इस स्थानांतरण आवेदन पर जवाब दाखिल करे। कोर्ट ने सुनवाई के लिए 6 दिसंबर की तारीख तय की है। इस दिन CBI का जवाब सुनने के बाद कोर्ट याचिका पर अपना फैसला सुनाएगा।
IRCTC होटल भ्रष्टाचार मामला 2004-2009 के बीच का है। तब लालू प्रसाद केंद्रीय रेल मंत्री थे। आरोप है कि उन्होंने रेल मंत्री रहते हुए रांची और पुरी स्थित IRCTC के दो होटलों के रखरखाव का ठेका निजी कंपनी को दिलवाने के बदले पटना में प्रमुख भूखंड रिश्वत के तौर पर लिया। CBI और प्रवर्तन निदेशालय (ED) दोनों मामले की जांच कर रहे हैं। मामले में लालू प्रसाद, राबड़ी, तेजस्वी समेत कई आरोपी हैं। उन पर भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे हैं।
लालू फैमिली पर भ्रष्टाचार के आरोप
IRCTC होटल भ्रष्टाचार मामले में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी और बेटे तेजस्वी मुख्य आरोपी हैं। CBI और ED ने मामले में चार्जशीट दायर की है। राबड़ी और तेजस्वी पर आरोप है कि उन्होंने लालू के रेल मंत्री रहते हुए किए गए भ्रष्टाचार से अवैध रूप से संपत्ति अर्जित की। मामले में परिवार पर करोड़ों के लेन-देन और बेनामी संपत्तियों के अधिग्रहण का आरोप है। यह मामला लालू परिवार के लिए बड़ी कानूनी चुनौती बना है।