अमित शाह, नायडू, नीतीश और ओवैसी (फोटो- नवभारत डिजाइन)
नई दिल्लीः AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर नया दांव चल दिया है। NDA में शामिल नीतीश कुमार और चंद्र बाबू को वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक का विलेन करार दिया है। दरअसल JDU और TDP दोनों पार्टियों की छवि भाजपा से उलट सेकुलर है, जबकि भाजपा हमेशा अपना हिंदुत्व वाला दांव चलती है। इसलिए अब असदुद्दीन ओवैसी भाजपा को छोड़ नीतीश और नायडू के पीछे लग गए हैं।
वक्फ संशोधन विधेय़क 2024 पर सांसद औवेसी ने हा कि भाजपा के पास तो लोकसभा में बहुमत ही नहीं है। अगर चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार इसका विरोध करते हैं तो यह पारित नहीं होगा। बिहार चुनाव से पहले ओवैसी का यह दांव नीतीश कुमार के लिए भारी पड़ सकता है।
‘चंद्रबाबू और नीतीश कुमार की बैसाखी पर निर्भर मोदी सरकार’
एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार की बैसाखी पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह वक्फ विधेयक को लेकर देश में झूठ फैला रहे हैं। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “अमित शाह भारत सरकार के गृह मंत्री हैं और उनका बयान इस बात का सबूत है कि आप एक असंवैधानिक कानून बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे अदालत में चुनौती दी जा सकती है। यह संविधान के अनुच्छेदों का उल्लंघन है और इससे पूरे देश के वक्फ को नुकसान होगा। आप वक्फ संपत्ति का जो हिस्सा हटा रहे हैं उसका लाभ किसे मिलेगा। आप लाखों रुपये का राजस्व छोड़ रहे हैं। अमित शाह देश से झूठ बोल रहे हैं कि आप वक्फ ट्रिब्यूनल को अदालत में चुनौती दे सकते हैं।
असंवैधानिक बिल का समर्थन कर रहे नीतीश और नायडू?
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू की बैसाखी पर निर्भर हैं और अगर वे इस असंवैधानिक बिल का समर्थन नहीं करते हैं, तो यह कानून नहीं बनेगा। इससे पहले शुक्रवार को ओवैसी ने वक्फ (संशोधन) विधेयक के खिलाफ ‘काली पट्टी’ बांधकर विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया था। शुक्रवार को नमाज अदा करने के दौरान काली पट्टी बांधकर प्रतीकात्मक विरोध में शामिल हुए थे।
देश की अन्य खबरों को पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
अमित शाह ने बता दिया वक्फ बिल पर अगला कदम
इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक संसद के बजट सत्र में पेश किया जाएगा। बजट सत्र 4 अप्रैल को समाप्त होने वाला है। उन्होंने कहा कि वक्फ विधेयक से किसी को डरने की जरूरत नहीं है। 2013 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने वक्फ विधेयक पारित किया था और इसमें कई ऐसे प्रावधान किए थे जो हमारे संविधान के अनुरूप नहीं हैं। अब हम विधेयक को संवैधानिक सिद्धांतों के अनुरूप बनाने का प्रयास कर रहे हैं।