10,000 रुपये नहीं करने होंगे वापस, सरकार ने बताया 'लोन नहीं, अनुदान है' (फोटो- सोशल मीडिया)
Bihar News: बिहार में महिला सशक्तीकरण को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत महिलाओं को दिए गए 10,000 रुपये वापस नहीं लौटाने होंगे। सरकार ने साफ किया है कि यह कोई कर्ज नहीं, बल्कि आर्थिक सहयोग है। राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ अब तक 1 करोड़ 50 लाख से अधिक महिलाओं को मिल चुका है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन रही हैं।
यह योजना नीतीश सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना और उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना है। इस पहल के तहत, पहले चरण में पात्र महिलाओं को 10,000 रुपये की राशि सीधे उनके बैंक खातों में (डीबीटी) भेजी जा रही है। सरकार का लक्ष्य है कि दिसंबर 2025 तक बाकी बची पात्र महिलाओं को भी यह राशि दे दी जाए।
इस योजना का लाभ राज्य के हर परिवार की एक महिला ले सकती है। आवेदिका की आयु 18 से 60 साल के बीच होनी चाहिए। साथ ही, आवेदिका स्वयं या उनके पति आयकर दाता की श्रेणी में न हों और न ही किसी सरकारी सेवा (नियमित या संविदा) में हों। जो महिलाएं जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हैं, वे इसकी पात्र हैं। जो महिलाएं पहले से जीविका समूह से नहीं जुड़ी हैं, उन्हें पहले समूह से जोड़कर इस योजना का लाभ दिया जायेगा।
ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं अपने ग्राम संगठन (VO) की विशेष बैठक में आवेदन कर सकती हैं। शहरी क्षेत्र में समूह से जुड़ी महिलाएं अपने क्षेत्र स्तरीय संगठन (ALF) या नगर निकाय की विशेष बैठक में आवेदन देंगी। जो महिलाएं (शहरी) समूह से नहीं जुड़ी हैं, वे www.brips.in पर उपलब्ध वेब पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं। इस पैसे से महिलाएं किराना दुकान, ब्यूटी पार्लर, सिलाई-कढ़ाई या मुर्गीपालन जैसा कोई भी काम शुरू कर सकती हैं। उन्हें मुफ्त प्रशिक्षण भी मिलेगा।
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सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह 10,000 रुपये की राशि कोई कर्ज (लोन) नहीं है। सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही कर्ज वापसी की बात बिल्कुल गलत है। यह राशि पूरी तरह से राज्य सरकार की ओर से अनुदानित है और इसे किसी भी स्तर पर कभी भी वापस नहीं करना है। यह योजना 29 अगस्त, 2025 को शुरू हुई थी। जिन महिलाओं के उद्यम अच्छा करेंगे, उन्हें आकलन के बाद 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त वित्तीय सहायता भी प्रदान की जायेगी।