
अपराजित लोहान बने नए ग्रामीण SP, फोटो- सोशल मीडिया
Dularchand Murder Case: मोकामा के दुलारचंद यादव हत्याकांड की गंभीरता को देखते हुए पुलिस प्रशासन पर उठ रहे सवालों के बीच यह बड़ा बदलाव किया गया है। सरकार ने तत्काल प्रभाव से ग्रामीण एसपी विक्रम सिहाग का तबादला करते हुए अपराजित लोहान को ग्रामीण क्षेत्रों में कानून-व्यवस्था सुधारने और संवेदनशील मामलों की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी है।
मोकामा के दुलारचंद यादव हत्याकांड के बाद पटना पुलिस महकमे में यह बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया गया है। दुलारचंद यादव की हत्या के बाद से इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ था। इस केस की जांच को लेकर पुलिस प्रशासन की भूमिका पर लगातार सवाल उठ रहे थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए, सरकार ने पुलिस व्यवस्था को और अधिक सशक्त एवं पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से यह परिवर्तन किया है।
सरकार ने तत्काल प्रभाव से पटना के ग्रामीण पुलिस अधीक्षक (एसपी) विक्रम सिहाग का तबादला कर दिया है। विक्रम सिहाग को अब पटना पुलिस मुख्यालय में पदस्थापित किया गया है। इस फेरबदल को मोकामा हत्याकांड से जुड़ी घटनाओं और जांच की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।
विक्रम सिहाग की जगह अपराजित लोहान को नई जिम्मेदारी सौंपते हुए उन्हें पटना का ग्रामीण पुलिस अधीक्षक (एसपी) बनाया गया है। आदेश जारी होने के बाद उन्होंने अपने नए पद का कार्यभार संभाल लिया है। अपराजित लोहान इससे पहले पटना जिले के ट्रैफिक एसपी के पद पर कार्यरत थे। अपराजित लोहान को एक तेजतर्रार और सख्त मिजाज अधिकारी माना जाता है।
ट्रैफिक एसपी के रूप में, उन्होंने पटना शहर में भीड़ नियंत्रण और बड़े आयोजनों के दौरान प्रभावी ट्रैफिक प्रबंधन किया था। उनके अनुभव को देखते हुए, उन्हें यह अहम जिम्मेदारी दी गई है। उन्हें विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में कानून-व्यवस्था की स्थिति सुधारने और मोकामा हत्याकांड जैसे संवेदनशील मामलों की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रशासन को उम्मीद है कि उनके नेतृत्व में ग्रामीण क्षेत्रों में अपराध नियंत्रण और पुलिस की साख दोनों में सुधार देखने को मिलेगा।
यह मामला 30 अक्टूबर को मोकामा में जन सुराज समर्थक दुलारचंद यादव का संदिग्ध अवस्था में शव मिलने से जुड़ा है। दुलारचंद यादव की मौत के बाद परिजनों ने जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह पर हत्या का आरोप लगाया था। इसके बाद पटना पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मोकामा के बाहुबली नेता और पूर्व विधायक अनंत सिंह समेत उनके दो सहयोगियों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने यह गिरफ्तारी 1 नवंबर की देर रात को की। फिलहाल, अनंत सिंह 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में हैं।
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हालांकि, मामले में यह भी सामने आया कि पोस्टमोर्टम रिपोर्ट के अनुसार, गोली लगने से दुलारचंद की मौत नहीं हुई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, उनकी सीने की पसली टूट गई थी और फेफड़ा फट गया था, जिसके कारण उनकी जान चली गई।






