बाबा साहेब अंबेडकर के अपमान मामले में लालू यादव को नोटिस
पटना: बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। आरजेडी प्रमुख लालू यादव को अंबेडकर की तस्वीर के कथित अपमान को लेकर नोटिस भेजा गया है। राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने उनसे 15 दिनों में जवाब मांगा है और पूछा है कि उन पर एससी-एसटी एक्ट के तहत केस क्यों न चलाया जाए। यह विवाद उस वीडियो से शुरू हुआ जिसमें लालू यादव के जन्मदिन के मौके पर अंबेडकर की तस्वीर उनके पैरों के पास दिख रही है। वीडियो वायरल होते ही मामला गंभीर बन गया।
राजनीति के पुराने खिलाड़ी और आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव को एक वायरल वीडियो के चलते नए विवाद का सामना करना पड़ रहा है। वीडियो में लालू यादव जन्मदिन के अवसर पर कुर्सी पर बैठे हैं और उनके सामने एक अन्य कुर्सी पर उनके पैर रखे हुए हैं। उसी समय एक समर्थक अंबेडकर की तस्वीर लेकर आता है और पास में खड़ा होकर फोटो खिंचवाता है। यह दृश्य सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ और आलोचना का सिलसिला शुरू हो गया।
आयोग ने 15 दिन के भीतर जवाब मांगा
बिहार राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए लालू यादव को नोटिस जारी किया है। आयोग ने उनसे 15 दिन के भीतर जवाब मांगा है और यह भी पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाए। आयोग का कहना है कि इस हरकत से सिर्फ एक वर्ग नहीं, बल्कि पूरे देश का अपमान हुआ है।
अंबेडकर का अपमान करने का आरोप
इस विवाद को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। एनडीए के नेताओं ने लालू यादव पर जानबूझकर अंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया है और दलित विरोधी मानसिकता का हवाला देते हुए तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं। सत्ता पक्ष के नेताओं ने यह मुद्दा सोशल मीडिया पर उठाकर लगातार दबाव बढ़ाया है। इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए तेजस्वी यादव ने भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बीजेपी को अंबेडकर या संविधान से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि लालू यादव ने बिहार में अंबेडकर की अनेक प्रतिमाएं लगवाई हैं और आरजेडी पूरी तरह अंबेडकर की विचारधारा को मानने वाली पार्टी है। वहीं आयोग की ओर से भेजे गए नोटिस में भाषा संबंधी कुछ अशुद्धियां भी सामने आई हैं।
आयोग की सख्ती, तेजस्वी यादव का पलटवार
अंबेडकर की तस्वीर के अपमान के आरोप में राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने लालू यादव से जवाब तलब किया है और पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ SC/ST एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाए। तेजस्वी यादव ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी को झूठा करार दिया और कहा कि आरजेडी अंबेडकर की विचारधारा को मानने वाली पार्टी है, जबकि भाजपा को न अंबेडकर की चिंता है, न संविधान की।