लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी (फोटो- सोशल मीडिया)
पटना: बिहार में बुधवार को वक्फ विधेयक के खिलाफ विधानसभा से लेकर सड़कों तक पर प्रदर्शन हुए। राजधानी पटना में विभिन्न राजनीतिक दलों ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के ‘महा धरना’ के प्रति एकजुटता व्यक्त की। एआईएमपीएलबी ने विधानसभा परिसर से महज एक किलोमीटर की दूरी पर धरना दिया, जिसमें केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार से संसद में पेश वक्फ विधेयक को वापस लेने की मांग की गई और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जैसे “धर्मनिरपेक्ष” नेताओं से विवादास्पद विधेयक के लिए उनके “समर्थन” पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया गया।
बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव अपने बीमार पिता और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद के साथ पटना में धरने के लिए निर्धारित स्थल गर्दनीबाग पहुंचे। तेजस्वी ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि “उनकी रगों में लालू का खून बह रहा है”, जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को गिरफ्तार करवाकर अयोध्या रथयात्रा को बीच रास्ते में ही रोक दिया था। राजद नेता ने कहा कि उनकी पार्टी इस विधेयक का पुरजोर विरोध करेगी, क्योंकि यह “असंवैधानिक”, “तानाशाही प्रवृत्ति का” और “नागपुरिया” विचारधारा से प्रेरित है।
असंवैधानिक, अलोकतांत्रिक, अकलियत विरोधी वक्फ़ संशोधन बिल का हर मंच एवं हर स्तर पर राष्ट्रीय जनता दल सड़क से लेकर सदन तक आदरणीय @laluprasadrjd जी के मार्गदर्शन में और युवा जननेता श्री @yadavtejashwi जी के नेतृत्व में विरोध करेगी!#RJD #LaluYadav #TejashwiYadav pic.twitter.com/KGGfxPdcUS
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) March 26, 2025
तेजस्वी का इशारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तरफ था, जिसका मुख्यालय महाराष्ट्र के नागपुर में है। नीतीश पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए तेजस्वी ने कहा, “कुछ लोग सत्ता के लालच के कारण विधेयक का समर्थन कर रहे हैं…। मुझे गर्व है कि मेरी रगों में लालू जी का खून बह रहा है, जो किडनी प्रत्यारोपण और हृदय की सर्जरी के कारण शरीर बेहद कमजोर होने जाने के बावजूद यहां आए हैं। लालू ने खराब सेहत के चलते ‘महा धरना’ को संबोधित नहीं किया। इससे पहले विधानसभा में तिरंगा लेकर पहुंचे राजद और वामपंथी विधायकों ने वक्फ विधेयक को लेकर सदन में जमकर हंगामा किया, जिसके चलते कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही मिनटों के भीतर इसे स्थगित करना पड़ा।
विपक्षी विधायकों ने विवादास्पद विधेयक की निंदा करने वाले नारे लिखी तख्तियां भी थाम रखी थीं। वहीं, भाजपा विधायक हरि भूषण ठाकुर बचौल ने दावा किया कि विधेयक वक्फ बोर्ड के “संविधान से इतर” चरित्र पर प्रहार करता है। उन्होंने राजद को तेजस्वी के भविष्य के बारे में चिंता करने की सलाह दी। ठाकुर ने दावा किया कि राजद की सहयोगी कांग्रेस ने बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए तेजस्वी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार मानने से “इनकार” कर दिया है।