लालू यादव का परिवार (सोर्स- सोशल मीडिया)
Lalu Family Facing Triple Crisis: लालू प्रसाद यादव का परिवार इस समय बेहद मुश्किल दौर से गुजर रहा है। चुनावी हार के सदमे के बीच घर के अंदर भी बड़ा विवाद खुलकर सामने आ गया है। रोहिणी आचार्य के गंभीर आरोपों ने पार्टी से लेकर परिवार तक हलचल बढ़ा दी है। इसके साथ ही ‘लैंड फॉर जॉब’ केस ने कानूनी खतरा भी और गहरा कर दिया है।
राजद (RJD) की करारी चुनावी हार का दर्द अभी कम भी नहीं हुआ था कि परिवार के अंदर बड़ा तूफान खड़ा हो गया। रोहिणी आचार्य के आरोपों ने साफ कर दिया कि लालू-राबड़ी परिवार के भीतर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। जानकारों के मुताबिक यह संकट एकतरफा नहीं, बल्कि राजनीतिक, पारिवारिक और कानूनी तीनों मोर्चों से एक साथ आकर परिवार को भारी दबाव में डाल रहा है।
रोहिणी आचार्य ने खुलकर कहा कि उन्हें राबड़ी आवास से भगा दिया गया, चप्पल दिखाई गई, गंदी गालियां दी गईं। जैसे ही रोहिणी वहां से निकलीं, उनकी तीन बहनें भी वहां से चली गईं। हैरानी यह कि लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव किसी ने भी रोहिणी के पक्ष में एक शब्द नहीं कहा। यह चुप्पी खुद बताती है कि पारिवारिक तनाव अब चरम पर पहुंच चुका है।
बिहार चुनाव 2025 में RJD सिर्फ 25 सीटों पर सिमट गई। तेजस्वी यादव, जिन्हें पहले भविष्य का मुख्यमंत्री माना जा रहा था, अब कमजोर विपक्ष की भूमिका में हैं। पार्टी के भीतर तेजस्वी के नेतृत्व पर सवाल उठ रहे हैं और यह सवाल परिवार के भीतर से ही उठ रहे हैं। तेजप्रताप की नाराजगी, मीसा और तेजस्वी के बीच पुरानी खटास और अब रोहिणी का विस्फोट इन सबने पार्टी की साख को बड़ा नुकसान पहुंचाया है।
चुनाव हार के बाद यह बहस तेज है कि RJD की हार का जिम्मेदार कौन है? रोहिणी ने भी तेजस्वी के दो करीबियों संजय यादव और रमीज नेमत खान पर सवाल उठाए हैं। BJP इस विवाद को राजनीतिक मौके के रूप में देख रही है। तेजप्रताप को अचानक ‘Y’ श्रेणी सुरक्षा मिलना भी इसी सियासी खेल का हिस्सा माना जा रहा है।
लालू परिवार के नौ बच्चों में मीसा, रोहिणी, तेजस्वी और तेजप्रताप चार सक्रिय राजनीति में हैं। सभी की अपनी अलग महत्वाकांक्षा है और यही संघर्ष की जड़ मानी जा रही है। तेजप्रताप पहले ही कई बार परिवार पर नाराजगी जता चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक तेजस्वी की पत्नी राजश्री भी टिकट और परिवार की रणनीति में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं, जिससे तनाव और बढ़ गया है।
परिवार की कलह और राजनीतिक हार के बीच कानूनी संकट सबसे बड़ा खतरा बन रहा है। ‘लैंड फॉर जॉब’ केस में लालू प्रसाद पहले ही चार्जशीटेड हैं और सुनवाई चल रही है। सबसे बड़ा खतरा तेजस्वी पर है अगर उन्हें दो साल या उससे अधिक की सजा होती है तो उनकी विधायकी रद्द हो जाएगी। इससे RJD का भविष्य भी अनिश्चित हो जाएगा।
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तीन बड़े संकट परिवार का झगड़ा, चुनावी हार और कानूनी केस एकसाथ आने से लालू परिवार अभूतपूर्व दबाव में है। रोहिणी का पब्लिक विस्फोट बताता है कि अंदर की खाई बहुत गहरी है। आने वाला समय तय करेगा कि परिवार एकजुट होगा या यह विवाद और बढ़ेगा।