जगदंबिका पाल (फोटो-सोशल मीडिया)
Jagdambika Pal on SIR: दिल्ली से लेकर पटना तक चुनाव आयोग और भाजपा के खिलाफ विपक्षी दल प्रदर्शन कर रहे हैं। पिछले दिनों तेजस्वी यादव ने कहा था कि हम चुनाव के बहिष्कार करने पर भी विचार कर सकते हैं। अब इस मामले पर भाजपा सासंद जगदंबिका पाल ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई एसआईआर की नहीं है, बल्कि बिहार में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या मुसमानों, बांग्लादेशियों और नेपालियों के खिलाफ है।
इस दौरान जगदंबिका पाल ने ‘चुनाव बहिष्कार’ पर राजद नेता तेजस्वी पर भी हमला बोला। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग की लाइन दोहराते हुए कहा कि रोहिंग्या-बांग्लादेशी या गैर कानूनी रूप से भारत में रहने वाले लोग, जो भारत के नागरिक नहीं हैं। वो बिहार या बंगाल की सरकार चुनेंगे?
भाजपा सांसद पाल ने कहा कि जो भी भारतीय नागरिक, बिहार का निवासी 18 साल का है। वो वोटर बनेगा। उसको वोट देने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि इसलिए यह लड़ाई एसआईआर की है ही नहीं। यह लड़ाई रोहिंग्या और बांग्लादेशियों के खिलाफ है।
तेजस्वी यादव पर हमला बोलते हुए वरिष्ठ भाजपा सांसद ने कहा कि तेजस्वी कह रहे हैं कि हम चुनाव का बहिष्कार कर सकते हैं। यह पहली बार देख रहे हैं कि कोई लोकतंत्र में राजनीतिक व्यक्ति चुनाव के बहिष्कार की बात कर रहा है। ऐसा आजाद भारत में जम्मू-कश्मीर देखने को मिला है। अलगाववादी, नक्सली, माओवादी चुनाव के बहिष्कार की बात करते थे।
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पूरे देश में वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर उन्होंने कहा कि ये वोटर लिस्ट रिवीजन एक प्रकार वोटर वेरिफिकेशन है। इसमें चुनाव आयोग के अधिकारी घर-घर जाकर उनका वोट बनाएंगे, जो 18 साल का हो गया है। इसमें हिंदू-मुस्लिम या वो किसी भी धर्म का हो। सभी को वोटिंग का अधिकार है। उन्होंने कहा कि अगर बांग्लादेशी, रोहिंग्या या नेपाली नागरिक अवैध रूप से भारतीय वोटर बने हैं तो उन्हें हटाने की बात हो रही है, तो निश्चित तौर पर निर्वाचन आयोग निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने के लिए यह कर रहा है।
वहीं विपक्ष का कहना है कि चुनाव से चंद महीने पहले चुनाव आयोग द्वारा लिया गया SIR का फैसला गलत है। जो दस्तावेज मांग जा रहे हैं वो ज्यादातर लोगों के पास नहीं है। इस प्रक्रिया के चलते गरीब-दलित और पिछड़े लोगों का वोट कट जाएगा।