बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर (फोटो- सोशल मीडिया)
Bihar Politics: बिहार के गायघाट विधानसभा क्षेत्र की राजनीति में तूफान आ गया है। जदयू का टिकट नहीं मिलने से नाराज पूर्व विधायक महेश्वर यादव अपने बेटे प्रभात किरण के साथ राजद में शामिल हो गए हैं। पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ प्रचार करने पर जदयू ने उन्हें निष्कासित कर दिया था। इसके फौरन बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पिता-पुत्र को अपने पटना आवास पर बुलाकर ‘लालटेन’ थमा दी। इस सियासी चाल ने गायघाट के चुनावी बिसात की पूरी बाजी ही पलट दी है।
दरअसल, महेश्वर यादव इस बार अपने पुत्र प्रभात किरण के लिए गायघाट से जदयू का टिकट मांग रहे थे। लेकिन यह सीट एनडीए में लोजपा के खाते में चली गई। जदयू ने यहां से कोमल सिंह को अपना उम्मीदवार बना दिया, जो वैशाली सांसद वीणा देवी एवं जदयू विधान पार्षद दिनेश सिंह की पुत्री हैं। टिकट कटने के बाद प्रभात किरण बगावत कर रहे थे और पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ अभियान चला रहे थे।
पार्टी ने इस बगावत को गंभीरता से लिया। रविवार को जदयू के प्रदेश महासचिव एवं मुख्यालय प्रभारी चंदन कुमार सिंह ने एक पत्र जारी किया। इस पत्र में कहा गया कि महेश्वर यादव और प्रभात किरण संगठनात्मक आचरण का उल्लंघन कर पार्टी विरोधी कार्यों में लिप्त पाए गए हैं। इसलिए उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित करते हुए निष्कासित किया जाता है। इन दोनों के अलावा, गोपालपुर (भागलपुर) से गोपाल मंडल, कटिहार से हिना राज सिंह और गया से संजीव श्याम सिंह को भी इन्हीं कारणों से पार्टी से बाहर किया गया है।
जदयू से निकाले जाने के ठीक बाद तेजस्वी यादव ने मौका लपक लिया। उन्होंने प्रभात किरण को अपने आवास पर बुलाया, जहां राजद के प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल की उपस्थिति में उन्हें राजद की सदस्यता ग्रहण कराई गई। याद दिला दें कि पिछले चुनाव में महेश्वर यादव (जदयू) की हार लोजपा के कारण हुई थी। तब लोजपा एनडीए से बाहर थी और कोमल सिंह ने 36,851 वोट काटे थे, जिससे राजद के निरंजन राय (59,473) जीत गए और महेश्वर (52,212) हार गए।
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राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पिछली बार यादव वोटों का बंटवारा हुआ था, क्योंकि राजद और जदयू, दोनों के उम्मीदवार एक ही जाति (स्वजातीय) से थे। अब प्रभात किरण के राजद में आने से यादव वोटों का यह बंटवारा रुकने की उम्मीद है, जिसका सीधा लाभ राजद को मिल सकता है। लेकिन, इस बार का खेल अलग है। लोजपा एनडीए में शामिल है, जिससे पासवान और राजपूत वोट, एनडीए के अन्य वोटों के साथ एकजुट होकर कोमल सिंह के पक्ष में जा सकते हैं। यह लड़ाई अब बेहद कांटे की हो गई है।