चिराग पासवान (सोर्स- सोशल मीडिया)
Bihar Politics: बिहार चुनाव के लिए महागठबंधन और एनडीए अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुटे हैं। महागठबंधन में शामिल दलों के बीच सीटों के बंटवारे को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है। हालांकि, लोजपा (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान ने एनडीए में सीटों के बंटवारे के समय को स्पष्ट कर दिया है।
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री और लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि एनडीए में सीटों के बंटवारे को नवरात्रि के दौरान अंतिम रूप दिया जाएगा। वह सोमवार को पटना में पत्रकारों से बात कर रहे थे। पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सीटों के बंटवारे में सम्मान से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
एनडीए में सीटों के बंटवारे के बारे में चिराग पासवान ने कहा, “मेरा मानना है कि सीटों के बंटवारे पर चर्चा अभी शुरू होगी। शुभ दिनों की शुरुआत है। आज से नवरात्रि शुरू हो रही है, इसलिए मेरा मानना है कि शुभ दिनों में चर्चा होगी और सब ठीक हो जाएगा। हमारी स्थिति सम्मानजनक बनी रहेगी। सम्मान से समझौता करके कोई गठबंधन में नहीं रहता है।”
24 सितंबर को पटना में हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बारे में चिराग पासवान ने कहा, “मुझे पता चला है कि CWC को बिहार, पटना याद है। बिहार में पिछली CWC बैठक कब हुई थी? मुझे इस बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं है। खैर, यह कांग्रेस का मामला है। कुछ मायनों में, यह वही दबाव की राजनीति है जिसके तहत बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव 243 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा करते हैं।
राहुल गांधी तेजस्वी के साथ पूरे बिहार में घूमते हैं, फिर भी कांग्रेस एक बार भी तेजस्वी के नाम पर सहमत नहीं हुई। अब, CWC, यानी फ़ैसले लेने वाले सभी वरिष्ठ कांग्रेस नेता, यहां मौजूद होंगे। दबाव से ज़्यादा, यह प्रभुत्व की लड़ाई है, और यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि कौन हावी है।
पिछली बार जिस तरह सारा दोष कांग्रेस पर मढ़ा गया था, यह कहकर कि उन्हें इतनी सीटें दी गईं और वे इतनी ही जीत पाए, यह एक तरह से उसी का जवाब है। कांग्रेस में हिम्मत ही नहीं है। यह इतनी पुरानी पार्टी है, आपको एक बार बिहार में अकेले चुनाव लड़ने की कोशिश करनी चाहिए।”
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इसके बावजूद, न तो देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस, और न ही बिहार की सबसे पुरानी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल, अकेले लड़ने की हिम्मत रखती है। ये लोग अकेले चुनाव लड़ते हैं। चिराग पासवान को निशाना बनाते हैं। मैंने कम से कम 2020 में अकेले चुनाव लड़ने की हिम्मत तो दिखाई। अगर इनमें से किसी में हिम्मत है, तो अकेले चुनाव लड़े।