हरा गमछा देख भड़के तेज प्रताप (फोटो- सोशल मीडिया)
Tej Pratap Yadav Angry on RJD Supporter in Gaya Rally: बिहार चुनाव प्रचार के दौरान लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप यादव का रौद्र रूप देखने को मिला। गया के वजीरगंज में अपनी जनसभा को संबोधित करते हुए तेज प्रताप की नजर भीड़ में मौजूद एक युवक पर पड़ी, जिसने हरा गमछा पहन रखा था। बस इसी बात पर वह आगबबूला हो गए। उन्होंने मंच से ही युवक को ‘जयचंद’ की पार्टी का बता डाला और उसे सभा से बाहर करने का आदेश दे दिया।
यह पूरा वाकया शुक्रवार को हुआ जब तेज प्रताप दूसरे चरण की वोटिंग के लिए चुनाव प्रचार कर रहे थे। वह अपनी नई पार्टी ‘जनशक्ति जनता दल’ के प्रत्याशी के पक्ष में सभा कर रहे थे। सभा के बीच में ही उन्होंने हरे गमछे वाले युवक को देखा। तेज प्रताप ने लालू के अंदाज में भीड़ को इशारा करते हुए कहा, “उतारो हरा गमछा को। ये सभा जनशक्ति जनता दल की है। यहां हरा गमछा उतारिए। उतारिए नहीं तो सिपाही उतार देगा।”
तेज प्रताप की नजर भीड़ में मौजूद एक युवक पर पड़ी, जिसने हरा गमछा पहन रखा था। बस इसी बात पर वह आगबबूला हो गए। उन्होंने मंच से ही युवक को ‘जयचंद’ की पार्टी का बता डाला और उसे सभा से बाहर करने का आदेश दे दिया। pic.twitter.com/Sld5n1hCEd — Sourabh Sharma (@SourabhPaliya) November 7, 2025
तेज प्रताप यहीं नहीं रुके। उन्होंने साफ कहा, “यहां हरा गमछा नहीं कृष्ण भगवान का पीला गमछा चलेगा।” उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का नाम लिए बिना जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा, “हरा पार्टी वाला लोगों को बहका रहा है। अभी एक हरा पार्टी वाला जयचंद आया था, जिसको हटाए हैं।” उन्होंने अपना दर्द बयां करते हुए आरोप लगाया कि “5 जयचंद मिलकर हमको परिवार और पार्टी से बाहर किया। अब हम सही में जनता के बीच में आ गए हैं।”
यह भी पढ़ें: NDA की जीत पक्की! रिकॉर्ड मतदान मतलब रिकॉर्डतोड़ सीटें, JDU नेता ने समझाया आंकड़ों का अंकगणित
गुस्से में आकर तेज प्रताप यादव ने मंच पर मौजूद सिपाही को सीधा आदेश दिया, “ए सिपाही! हरा गमछा वाला को पकड़ो। यह जयचंद और बहरूपिया के पार्टी का है।” सभा में चुनावी मुद्दों की बात करते हुए तेज प्रताप यादव ने कहा कि बिहार में बेरोजगारी है, पलायन है। खेत में काम करने वाले किसानों को जो सरकार की तरफ से मिलना चाहिए, वह नहीं मिल रहा है। यह सरकार केवल लूटने का काम किया है। उन्होंने कहा कि ‘स्मार्ट सिटी नहीं स्मार्ट गांव’ के लिए उनकी पार्टी के प्रत्याशी को जिताना होगा, नहीं तो ‘दूसरे के चक्कर में आ जाइयेगा तो फिर 5 साल बैठ जायेगा।’