तेजस्वी यादव (सोर्स- सोशल मीडिया)
Tejashwi Yadav Press Conference: बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण से पहले महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और भारतीय जनता पार्टी और चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला। तेजस्वी ने सवाल उठाया कि पहले चरण के मतदान के चार दिन बाद भी चुनाव आयोग ने वोट डालने वाले महिलाओं और पुरुषों की संख्या का खुलासा क्यों नहीं किया।
तेजस्वी यादव ने कहा, “पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को हुआ था, लेकिन 10 नवंबर तक कोई आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं किया गया है। तकनीक का युग है, फिर भी आंकड़े छिपाए जा रहे हैं। दूसरा चरण 11 नवंबर को है और नतीजे 14 नवंबर को घोषित होंगे, लेकिन तब तक मतदान प्रतिशत का पता नहीं चलेगा। ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है। ऐसा लगता है कि चुनाव आयोग भाजपा के हर पाप पर पर्दा डाल देगा।”
इसके साथ ही तेजस्वी यादव ने यह भी आरोप लगाया कि बिहार में बीजेपी शासित राज्यों की पुलिस को ही चुनाव ड्यूटी में लगाया गया है। उन्होंने कहा सवालिया अंदाज में कहा कि यहां झारखंड, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु जैसे राज्यों की पुलिस को चुनावी ड्यूटी पर क्यों नहीं भेजा गया?
तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को अगले पांच सालों में बिहार के लिए अपनी योजनाओं के बारे में बताना चाहिए। उनकी कथनी और करनी में फर्क साफ है। वह कट्टा-बंदूक की बात करते हैं, लेकिन मंच पर मनोरमा देवी जैसे दागी उम्मीदवारों के साथ नजर आते हैं।
राजद नेता ने कहा, “एनडीए ने 20 साल तक राज किया, लेकिन बिहार को देश में सबसे निचले पायदान पर छोड़ दिया। डबल इंजन वाली सरकार किसी काम की नहीं रही। पिछले दो दशकों में लाखों लोग शिक्षा, रोज़गार और इलाज के लिए बिहार छोड़कर चले गए।”
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तेजस्वी यादव ने कहा कि “14 नवंबर के बाद बिहार में बदलाव की एक नई शुरुआत होगी। हम बिहार को सबसे विकसित राज्य बनाएंगे। हम खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों, कृषि आधारित उद्योगों, आईटी हब, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को मज़बूत करेंगे ताकि किसी भी बिहारी को रोजगार के लिए बाहर न जाना पड़े।”
केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन “ललन” सिंह ने राजद नेता के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष खोखले वादे करने का आदी है। चुनाव नतीजों में वे कहीं नज़र नहीं आएंगे। तेजस्वी यादव के माता-पिता ने 15 साल तक बिहार को अंधेरे में रखा। उस समय सड़कें गड्ढों से भरी थीं, बिजली नहीं थी और शाम ढलने के बाद कोई अपने घरों से बाहर नहीं निकलता था।