मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, फोटो- सोशल मीडिया
Bihar Assembly Elections 2025: ज्ञानेश कुमार ने कहा कि इस बार मतदाता सुविधा और पारदर्शिता पर विशेष ध्यान दिया गया है। बीएलओ की ट्रेनिंग से लेकर मोबाइल रखने की अनुमति और वोटर स्लिप में बदलाव तक कई नई पहलें बिहार से शुरू होंगी।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां अब अंतिम चरण में पहुंच गई हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने रविवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य की चुनावी तैयारियों का पूरा ब्यौरा दिया। उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है और उससे पहले ही चुनाव प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इस दौरान सीईसी ने कई नई तकनीकी और प्रशासनिक पहल की जानकारी दी, जो पहली बार बिहार से शुरू की जा रही हैं।
सीईसी ज्ञानेश कुमार ने बताया कि बिहार में कुल 243 विधानसभा सीटें हैं। इनमें 2 सीटें अनुसूचित जनजाति (ST) और 38 सीटें अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की टीम पिछले दो दिनों से बिहार में है और इस दौरान उन्होंने सभी प्रमुख राजनीतिक दलों, जिलाधिकारियों, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और प्रवर्तन एजेंसियों के साथ बैठकें कीं।
ज्ञानेश कुमार ने बताया कि इस बार बिहार से ही कई नई पहल की शुरुआत हो रही है। इनमें सबसे महत्वपूर्ण ट्रेनिंग प्रोग्राम है। पहली बार बूथ लेवल एजेंट (BLA) की ट्रेनिंग कराई गई है और वह भी दिल्ली में। इसके अलावा बूथ लेवल अफसरों (BLO) की ट्रेनिंग चुनाव आयोग के IIIDEM संस्थान में कराई गई। देशभर के करीब 700 BLO और सुपरवाइजर की ट्रेनिंग पूरी की जा चुकी है। वहीं, पुलिस अफसरों को भी पहली बार राज्य से बाहर, दिल्ली में प्रशिक्षण दिया गया ताकि वे चुनाव प्रक्रिया को बेहतर ढंग से समझ सकें।
#WATCH | Patna, Bihar: Chief Election Commissioner (CEC) Gyanesh Kumar says, “…According to the Supreme Court’s orders and under the Aadhaar Act, Aadhaar cannot be considered proof of date of birth, proof of residence, or proof of citizenship.” “The Election Commission… pic.twitter.com/ilIty3OjSe — ANI (@ANI) October 5, 2025
सीईसी ने कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का कार्य 24 जून 2025 से शुरू हुआ था, जो समय पर सफलतापूर्वक पूरा किया गया। इस बार मतदाताओं को 15 दिन के भीतर वोटर आईडी कार्ड उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। साथ ही, BLO के लिए फोटो पहचान पत्र जारी किए जा रहे हैं ताकि मतदाता उन्हें आसानी से पहचान सकें।
चुनाव आयोग ने इस बार एक नई व्यवस्था शुरू की है- अब मतदाता पोलिंग बूथ पर अपना मोबाइल फोन रख सकेंगे। इस सुविधा का ट्रायल पहले उपचुनाव में किया गया था, जो सफल रहा। इसके अलावा, मतदाताओं को दी जाने वाली वोटर स्लिप में सुधार किया गया है- अब बूथ नंबर और पता बड़े अक्षरों में छपे होंगे, ताकि मतदाताओं को अपना केंद्र ढूंढने में आसानी हो।
सीईसी ने बताया कि अब तक चुनाव आयोग की लगभग 40 एप्लीकेशन अलग-अलग काम करती थीं। इन्हें अब एकीकृत करके एक सिंगल डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है, जिसका प्रगतिशील इंप्लीमेंटेशन बिहार से शुरू होगा। इस सिस्टम से चुनाव प्रबंधन और निगरानी अधिक सुगम हो जाएगी।
मतदान केंद्रों पर भीड़ कम करने के लिए आयोग ने फैसला किया है कि अब किसी भी बूथ पर 1200 से अधिक वोटर नहीं होंगे। यह व्यवस्था बिहार से शुरू होकर पूरे देश में लागू की जाएगी। इसके अलावा, प्रत्येक बूथ पर 100% वेबकास्टिंग की जाएगी ताकि पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
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मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की प्रेस कॉन्फ्रेंस ने स्पष्ट कर दिया कि बिहार इस बार कई नई चुनावी पहलों का प्रयोगशाला बनने जा रहा है। चाहे वह BLO की ट्रेनिंग हो, मतदाता की सुविधा हो या टेक्नोलॉजी का उपयोग हर स्तर पर सुधार के संकेत मिले हैं। चुनाव आयोग के अनुसार, बिहार में 22 नवंबर से पहले ही मतदान संपन्न करवा लिया जाएगा, ताकि लोकतंत्र के इस महापर्व को समय पर और पारदर्शी तरीके से पूरा किया जा सके।