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Phalodi Satta Bazar: बिहार में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण और आखिरी चरण के लिए मतदान हो रहा है। इस बीच राजस्थान के मशहूर फलोदी सट्टा बाजार के ताजा आंकड़ों ने बिहार के राजनैतिक पार्टियों को पस-ओ-पेश में डाल दिया है। पहले चरण के चुनाव में 121 विधानसभा सीटों पर रिकॉर्ड 65 फीसदी से जायदा मतदान होने के बाद बिहार में बड़े स्तर पर फेरबदल की संभावना जताई जा रही है।
फलोदी सट्टा बाजार के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू और न ही भारतीय जनता पार्टी सबसे ज्यादा सीट लाती हुई नहीं दिखाई दे रही है। इसके साथ ही प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज भी इस बार कोई बड़ा करिश्मा करती हुई नहीं दिखाई दे रही है।
सट्टेबाजों के अनुमानों के अनुसार, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाला सत्तारूढ़ गठबंधन राज्य में फिर से सरकार बना सकता है। मौजूदा सट्टेबाजी के रुझानों के अनुसार एनडीए को 243 में से 128 से 134 सीटें मिलने का अनुमान है। भाजपा को 66 से 68 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि जेडीयू को 54 से 56 सीटें मिलने का अनुमान है। बिहार विधानसभा में बहुमत के लिए 122 सीटों की आवश्यकता है।
दूसरी ओर राजद, कांग्रेस और वामपंथी दलों वाले महागठबंधन को 93 से 99 सीटें मिलने का अनुमान है। सबसे बड़ी पार्टी राजद को 69 से 71 सीटें मिलने का अनुमान है। कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन अपेक्षाकृत खराब रहने का अनुमान है, और वामपंथी दलों के सीमित क्षेत्रों तक ही सीमित रहने की उम्मीद है।
सट्टा बाजार मुख्यमंत्री पद के बारे में भी स्पष्ट संकेत दे रहा है। नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने की संभावना 40 से 45 पैसे के बीच है, जो दर्शाता है कि उनके सत्ता में लौटने की सबसे अधिक संभावना है। यानी एक बार फिर बिहार में तेजस्वी यादव के लिए बुरी ख़बर है।
इस सब के बीच यह ध्यान रखना जरूरी है कि भारत में चुनावों पर सट्टा लगाना गैरकानूनी है। कानून के अनुसार, बिना सरकारी अनुमति के किसी भी तरह का सट्टा या जुआ खेलना अपराध है, जिसके लिए कारावास और जुर्माने का प्रावधान है। इसके बावजूद, देश में चुनावों के दौरान सट्टा बाज़ार का मिज़ाज चर्चा में रहता है।
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फलोदी सट्टा बाज़ार की बात करें तो राजस्थान के मारवाड़ क्षेत्र में स्थित फलोदी शहर वर्षों से चुनावी रुझानों के लिए चर्चा में रहा है। चुनाव, क्रिकेट, शेयर बाज़ार से लेकर मौसम तक, हर चीज़ पर सट्टा लगाया जाता है। दिलचस्प बात यह है कि दिल्ली चुनाव में फलोदी के सट्टेबाजों ने नतीजों से पहले ही भाजपा की जीत की सटीक भविष्यवाणी की थी। अब देखना यह है कि इस बार बिहार में यह भविष्यवाणी कितना सही साबित होगी?