दरभंगा ग्रामीण विधानसभा (फोटो-सोशल मीडिया)
Bihar Assembly Election 2025: बिहार की राजनीति में दरभंगा ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र का अपना विशेष महत्व है। यह सीट दरभंगा लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है और भौगोलिक रूप से दरभंगा शहर की नगरपालिका सीमा से सटा हुआ है। इस क्षेत्र में ग्रामीण और उभरते शहरी स्वरूप का मिला-जुला रंग दिखता है, जो इसे राजनीतिक रूप से भी खास बनाता है।
इस विधानसभा क्षेत्र में संपूर्ण मनीगाछी प्रखंड और दरभंगा ब्लॉक की 17 ग्राम पंचायतें शामिल हैं। कृषि अभी भी यहां की मुख्य पहचान है, लेकिन शहर से निकटता के कारण शिक्षा, स्वास्थ्य और व्यापारिक गतिविधियों तक पहुंच आसान हुई है। हालांकि, अंदरूनी पंचायतों में अभी भी सड़क संपर्क, सिंचाई, बिजली और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनी हुई है।
दरभंगा ग्रामीण विधानसभा का गठन वर्ष 1977 में हुआ था, और शुरुआत में यह सीट अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित थी। 2008 में परिसीमन के बाद 2010 से यह सामान्य श्रेणी में बदल गई।
आरक्षण में बदलाव के बावजूद, इस सीट पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का वर्चस्व कायम रहा है। वर्ष 2000 से लेकर अब तक राजद ने लगातार छह चुनावों में जीत दर्ज करके इसे अपना अभेद्य किला साबित किया है:
आपको बता दें कि इससे पहले, जनता पार्टी और जनता दल ने भी यहाँ मजबूत पकड़ रखी थी, जबकि कांग्रेस को सिर्फ 1985 में एक बार जीत मिली थी।
राजद ने 2020 के विधानसभा चुनाव में यह सीट बरकरार रखी, लेकिन जीत का अंतर बेहद कम रहा। इस करीबी मुकाबले ने साफ संकेत दिया कि इस गढ़ में विपक्ष धीरे-धीरे अपनी पैठ बना रहा है और राजद के लिए चुनौती अब पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है।
इस क्षेत्र की सामाजिक संरचना अब भी दलित वोट बैंक और कृषि आधारित अर्थव्यवस्था से प्रभावित है। खासकर मनीगाछी ब्लॉक में दलित वोटरों की संख्या निर्णायक मानी जाती है। हालांकि, शहर के निकटवर्ती इलाकों में हुए विकास और नए मतदाताओं की सोच ने यहां की राजनीति को जटिल बना दिया है।
दरभंगा ग्रामीण में स्थानीय मुद्दों की बात करें तो रोजगार और पलायन सबसे अहम सवाल हैं। हर साल बड़ी संख्या में युवा काम की तलाश में बाहर जाते हैं, जिससे यह मुद्दा 2025 के चुनाव में प्रमुखता से उठेगा। इसके अलावा, सड़क, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का बेहतर क्रियान्वयन मतदाताओं की प्राथमिकताओं में शामिल है। चुनाव आयोग के 2024 के आंकड़ों के अनुसार, इस क्षेत्र में कुल 2,98,481 मतदाता हैं, जिनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या महिलाओं से अधिक है।
2025 के चुनावी समीकरण पर नजर डालें तो राजद यहां परंपरागत रूप से मजबूत बना हुआ है, जिसका आधार दलित और परंपरागत वोट बैंक है। दूसरी ओर, भाजपा और जदयू (NDA) गठबंधन अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश में है। एक ओर भाजपा शहरी और युवा वर्ग में अपनी पैठ बढ़ा रही है। तो वहीं जदयू ग्रामीण विकास योजनाओं को भुनाने की कोशिश में जुटी है, जो सीधे तौर पर ग्रामीण मतदाताओं को प्रभावित कर सकती हैं।
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2020 की कम अंतर की जीत यह इशारा करती है कि राजद की बादशाहत अब ढीली पड़ रही है। यह चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है, जहाँ राजद अपनी परंपरागत पकड़ बचाने के लिए संघर्ष करेगा, जबकि भाजपा और जेडीयू के लिए यह सीट अपनी पैठ मजबूत करने का एक अहम मौका साबित हो सकती है। जनता का मूड इस बार विकास और रोजगार पर टिका है, और यही तय करेगा कि दरभंगा ग्रामीण में कौन बाजी मारेगा।