Petrol को लेकर क्या करने वाली है सरकार। (सौ. Freepik)
नवभारत ऑटोमोबाइल डेस्क: राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए दिल्ली सरकार ने एक नई योजना को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। अब शहर में तय सीमा से अधिक पुराने वाहनों को पेट्रोल या डीजल नहीं मिलेगा। इसके लिए 477 ईंधन स्टेशनों में से 454 स्टेशनों पर स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (ANPR) प्रणाली लगाई जा चुकी है, जो यह पता लगाएगी कि वाहन कितने साल पुराना है।
पर्यावरण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई को बताया, “अब तक 372 पेट्रोल पंप और 105 सीएनजी स्टेशन इस तकनीक से लैस हो चुके हैं। बाकी बचे 23 स्टेशनों पर अगले 10 से 15 दिनों में उपकरण लगाए जाएंगे। हमें उम्मीद है कि यह योजना अप्रैल के अंत तक पूरी तरह लागू हो जाएगी।”
दरअसल, यह नीति 1 अप्रैल से लागू होनी थी, लेकिन कुछ तकनीकी बाधाओं और उपकरणों की स्थापना में देरी के कारण इसमें थोड़ी देरी हो गई।
पर्यावरण विभाग ने बताया कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा इस योजना की प्रगति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। सिरसा ने कहा, “सरकार समय पर योजना को लागू करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रही है। हालांकि, शेष कार्य के चलते थोड़ी प्रतीक्षा करनी पड़ सकती है।”
दिल्ली सरकार ने मार्च में घोषणा की थी कि 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों को फ्यूल नहीं मिलेगा। इसके लिए ANPR कैमरे लगाए जा रहे हैं, जो वाहन की नंबर प्लेट स्कैन कर उसके रजिस्ट्रेशन की जांच करेंगे।
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पूरे शहर में कुल 500 फ्यूल स्टेशन हैं और सरकार की योजना है कि सभी पर यह प्रणाली सक्रिय की जाए। यह कदम दिल्ली के बढ़ते प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है, ताकि लोगों को स्वच्छ हवा मिल सके और पर्यावरण की सेहत सुधरे।