Noida में कार चोरों का हुआ खोलासा। (सौ. AI)
Noida Car Theft: नोएडा से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां पुलिस ने ऐसी कार चोर गैंग को पकड़ा है जो कुछ ही मिनटों में घर के बाहर खड़ी गाड़ियों को चुराकर ले जाते थे। खास बात यह है कि ये चोर ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं थे, फिर भी उन्होंने ऐसी तकनीकें अपनाई थीं जो पुलिस को भी चौंका गईं। चोरी की गई कारें कुछ ही घंटों में टुकड़ों में बदल जाती थीं और उनके पुर्जे अलग-अलग बाजारों में बेच दिए जाते थे।
नोएडा पुलिस के अनुसार, गैंग पहले बिना नंबर वाले स्कूटर से इलाके की रैकी करता था। इसके बाद लोहे की T-शेप वाली रॉड से गाड़ी की खिड़की का लॉक तोड़ा जाता था। गैंग का एक सदस्य चुंबक की मदद से कार का स्टीयरिंग लॉक तोड़ देता था। आरोपी ने बताया कि वह स्टीयरिंग के नीचे चुंबक लगाकर लॉक खोलता था, जिससे कुछ ही सेकंड में डुप्लीकेट चाबी से कार स्टार्ट की जा सकती थी। इसके बाद कार लेकर वे फरार हो जाते थे।
पकड़े गए आरोपियों ने खुलासा किया कि वे चोरी की गई कार को अपने साथी को मात्र 50 हजार रुपये में बेच देते थे। साथी महज दो से तीन घंटे में ही कार को टुकड़ों में काट देता था और उसके पुर्जे अलग-अलग बाजारों में बेच देता था। इससे उन्हें डेढ़ से ढाई लाख रुपये तक की कमाई होती थी। इनका निशाना मुख्य रूप से Maruti Brezza जैसी कारें होती थीं। पुलिस जांच में सामने आया कि यह गैंग अब तक 50 से ज्यादा ब्रेज़ा कारें चुरा चुका है।
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पुलिस के मुताबिक, इस गिरोह का सरगना हेमंत बिल्कुल अनपढ़ है। चुंबक से लॉक खोलने वाला आरोपी अमित सिर्फ आठवीं पास है, जबकि कार को काटने वाला बलजीत मात्र पांचवीं तक पढ़ा है। पुलिस ने इन तीनों से नकद रकम बरामद की है और इनके अन्य साथियों के नाम भी सामने आए हैं। इन पर उत्तर प्रदेश के कई थानों में करीब 40 आपराधिक केस दर्ज हैं।
हालांकि इस बात की कोई पुख्ता जानकारी नहीं है कि चुंबक से स्टीयरिंग लॉक तोड़ा जा सकता है या नहीं। आजकल की कारों में एडवांस इलेक्ट्रिक लॉक्स लगाए जाते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, चोरी का असली तरीका शायद डुप्लीकेट चाबी या सॉफ्टवेयर मैनिपुलेशन हो सकता है। मारुति सुज़ुकी अपनी कारों में इम्मोबिलाइज़र और एंटी-थेफ्ट अलार्म जैसी तकनीकें देती है, जो बिना सही चाबी के इंजन स्टार्ट नहीं होने देतीं। हालांकि, कंपनी के कुछ मॉडल्स चोरी के मामलों में अधिक निशाने पर रहते हैं।