Hybrid Cars में क्या है खास। (सौ. Pixabay)
Hybrid Car Mileage: अगर आप सीएनजी या डीजल कारों के माइलेज से संतुष्ट नहीं हैं और ज्यादा फ्यूल बचाने वाली कार की तलाश में हैं, तो हाइब्रिड कारें आपके लिए बेस्ट ऑप्शन साबित हो सकती हैं। इन कारों में ऐसी एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है जो न सिर्फ ईंधन की बचत करती हैं, बल्कि आपको हर महीने हजारों रुपये की फ्यूल कॉस्ट से भी राहत दिलाती हैं। हाइब्रिड कारें पेट्रोल और इलेक्ट्रिक कारों के बीच की कड़ी मानी जाती हैं, जो दोनों तकनीकों का संतुलित उपयोग कर बेहतरीन माइलेज देती हैं।
हाइब्रिड कारों की सबसे बड़ी खासियत है कि इनमें पेट्रोल इंजन के साथ-साथ एक इलेक्ट्रिक मोटर भी दी जाती है। ये दोनों मिलकर इंजन की पावर को बढ़ाते हैं और फ्यूल की खपत को कम करते हैं। यही कारण है कि हाइब्रिड कारें पारंपरिक सीएनजी या डीजल कारों की तुलना में दोगुना माइलेज देती हैं।
हाइब्रिड कारों में जब भी ड्राइवर ब्रेक लगाता है, तो उस ऊर्जा को वेस्ट नहीं किया जाता बल्कि उसे बैटरी को रिचार्ज करने में उपयोग किया जाता है। इससे बैटरी की चार्जिंग बनी रहती है और फ्यूल की खपत में भारी कमी आती है।
ट्रैफिक सिग्नल पर रुकते समय हाइब्रिड कार का इंजन ऑटोमैटिक रूप से बंद हो जाता है और गाड़ी को चलाने पर तुरंत स्टार्ट भी हो जाता है। इससे इंजन का फ्यूल वेस्ट नहीं होता और माइलेज में सुधार होता है।
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इन कारों में छोटे और फ्यूल-एफिशिएंट इंजन जैसे 1.5-लीटर यूनिट का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे इलेक्ट्रिक मोटर से जोड़ा जाता है। इसका फायदा यह होता है कि गाड़ी का माइलेज लगभग दोगुना हो जाता है और फ्यूल की बचत सीधी जेब पर असर दिखाती है।
भारत में इस समय कई ऐसी कारें हैं जो हाइब्रिड सिस्टम पर काम करती हैं। इनमें टोयोटा अर्बन क्रूजर हाइराइडर स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड, मारुति सुजुकी ग्रैंड विटारा स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड, और होंडा सिटी e:HEV जैसी कारें शामिल हैं। ये कारें न केवल बेहतरीन माइलेज देती हैं बल्कि एनवायरनमेंट फ्रेंडली भी हैं।