EV को लेकर बढ़ रही है मांग। (सौ. Pixabay)
EV Car Price: भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता बैटरी बाजार में अभूतपूर्व उछाल ला रही है। कस्टमाइज एनर्जी सोल्यूशन (CES) की नई रिपोर्ट के अनुसार, देश में EV बैटरी की मांग 2025 के 17.7 GWh से बढ़कर 2032 तक 256.3 GWh तक पहुंचने का अनुमान है। यह उछाल न सिर्फ उपभोक्ताओं की बदलती पसंद को दर्शाता है, बल्कि सरकार की इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने वाली नीतियों का भी परिणाम है।
रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले वर्षों में बैटरी की मांग में तेज वृद्धि कई कारकों के चलते हो रही है
इन सभी कारणों ने देश में इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के लिए मजबूत विकास माहौल तैयार किया है।
CES की रिपोर्ट में बताया गया है कि अगले 7 वर्षों में बैटरी मार्केट में लगभग 35% CAGR देखने को मिलेगा। यह आंकड़ा भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर में बड़े बदलाव की तरफ इशारा करता है। जैसे-जैसे इलेक्ट्रिक मोबिलिटी ग्लोबल स्तर पर मजबूत हो रही है, वैसे-वैसे बैटरी तकनीक और मैन्युफैक्चरिंग में भी तेजी से सुधार हो रहा है।
CES के मैनेजिंग डायरेक्टर विनायक वलीम्बे के अनुसार, “बैटरी केमिस्ट्री में बड़ी खोजें भारत की EV क्रांति का मुख्य हिस्सा हैं। LFP Gen 4 और सोडियम-आयन तकनीक सिर्फ इनोवेशन नहीं, बल्कि बड़े बदलाव हैं, जो इलेक्ट्रिक वाहनों को ज्यादा सस्ता, सुरक्षित और लंबी रेंज वाला बनाएंगी।” नई तकनीकों के आने से बैटरी की परफॉर्मेंस, सुरक्षा और क्षमता में भारी सुधार देखा जा रहा है। खासतौर पर नई पीढ़ी की LFP (Lithium Iron Phosphate) और NCM (Nickel Cobalt Manganese) बैटरियां ऊर्जा क्षमता और लागत के लिहाज से अधिक प्रभावी साबित हो रही हैं।
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रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि LFP Gen 4 सेल अब 300 Wh/kg से अधिक ऊर्जा क्षमता दे रहे हैं। इससे वाहनों की रेंज बढ़ने के साथ कारों की कीमतें घटने की भी संभावना है। इसके अलावा, सोडियम-आयन और सॉलिड-स्टेट बैटरियां भी जल्दी बाजार में आने वाली हैं, जो दोपहिया, तिपहिया, प्रीमियम कारों और कमर्शियल वाहनों के लिए किफायती विकल्प साबित हो सकती हैं।