Volkswagen में क्या कुछ होगा अलग। (सौ. Volkswagen)
नवभारत ऑटोमोबाइल डेस्क: Volkswagen Group की बैटरी-इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री वर्ष 2025 की पहली तिमाही में यूरोप में दोगुनी से भी अधिक हो गई, जबकि चीन में इसकी बिक्री में एक तिहाई से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई। यह आंकड़े बुधवार को जारी किए गए, जो दर्शाते हैं कि इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में Volkswagen की किस्मत दो अलग-अलग दिशाओं में बढ़ रही है।
KBA मोटर अथॉरिटी के आंकड़ों के अनुसार, Volkswagen की गाड़ियाँ जर्मनी में टॉप 10 बेस्टसेलिंग EV मॉडलों में से सात पर काबिज़ रहीं। वहीं, Tesla की Model Y, जो पहले स्थान पर थी, अब 70% बिक्री गिरने के बाद सातवें पायदान पर पहुंच गई है।
Tesla की गिरती बाजार हिस्सेदारी के पीछे CEO एलन मस्क के कट्टर दक्षिणपंथी नेताओं के समर्थन और पुराने हो चुके मॉडल लाइनअप को जिम्मेदार माना जा रहा है।
Volkswagen की कुल बिक्री में चीन में 7.1% की गिरावट आई है। वहां EV बाजार में कड़ी प्रतिस्पर्धा है, जहां नए स्थानीय ब्रांड तेजी से विदेशी कंपनियों का मार्केट शेयर छीन रहे हैं। Mercedes-Benz और Porsche जैसी जर्मन कंपनियों की बिक्री भी चीन में गिरी है।
Volkswagen ने उम्मीद जताई है कि आने वाले महीनों में ID.3 और ID.4X जैसे प्रमुख मॉडल्स के नए वर्जन लॉन्च होने से EV की बिक्री में सुधार होगा। अप्रैल में होने वाले Shanghai Auto Show में Audi की नई ब्रांड के पहले प्रोडक्शन मॉडल के साथ-साथ तीन नए इलेक्ट्रिक VW मॉडल्स को प्रदर्शित किया जाएगा, जिन्हें FAW, SAIC और JAC के साथ संयुक्त रूप से विकसित किया गया है।
SAIC द्वारा तैयार की गई SUV में “रेंज एक्सटेंडर” तकनीक होगी, जिससे ग्राहकों की बैटरी रेंज को लेकर चिंता कम होगी।
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पश्चिमी यूरोप में Volkswagen की इलेक्ट्रिक और पेट्रोल दोनों तरह की कारों की डिमांड में 29% की बढ़ोतरी हुई है। यूरोपीय ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अनुसार, इस वर्ष यूरोप में EV की बिक्री तेज़ी से बढ़ रही है, जबकि कुल कार बिक्री में गिरावट आई है।
अमेरिका में भी Volkswagen की बिक्री में 6.2% की वृद्धि हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह संभावित रूप से 25% आयात शुल्क लागू होने से पहले ग्राहकों द्वारा एडवांस खरीदारी का संकेत है।
हालांकि, VW की दो-तिहाई बिक्री मैक्सिको में बनी कारों की है और Audi, Porsche और Lamborghini जैसे लग्ज़री ब्रांड पूरी तरह यूरोप से आयात किए जाते हैं, जिससे कंपनी ट्रेड वॉर के खतरे में आ सकती है।