नई दिल्ली. आज जहां इस समय राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gahlot) अपने तीसरे कार्यकाल का आखिरी बजट पेश कर रहे हैं। वहीं इस दौरान सीएम गहलोत ने विधानसभा में अचानक ही पुराना बजट पढ़ दिया। हालांकि बाद में मंत्री महेश जोशी ने उन्हें बीचे में ही रोक दिया। इसके चलते सदन में भयंकर भारी हंगामा होने लगा। इसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
वहीं विधानसभा में जब CM गहलोत बजट पढ़ रहे थे, तब विपक्षी नेता हंगामा करने लगे। इस दौरान अशोक गहलोत ने कहा कि, कृपया थोड़ा सा सब्र रखें। इससे सभी को अच्छा लगेगा। वहीं मंत्री महेश जोशी ने कहा कि सभी लोग आपको देख रहे हैं। ये गलत बात है।
मामले पर राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और BJP नेता वसुंधरा राजे ने कहा कि, “गहलोत 8 मिनट तक सीएम पुराना बजट पढ़ते रहे। जब मैं CM थी तो बजट पेश करने से पहले बार-बार चेक करता थी और पढ़ता थी। अब आप कल्पना कर सकते हैं कि पुराने बजट को पढ़ने वाले मुख्यमंत्री के हाथों में राज्य कितना सुरक्षित है।”
For 8 minutes, CM kept reading the old budget. When I was the CM, I used to repeatedly check and read before presenting the budget. You can imagine how safe the state is in the hands of a CM who reads out an old budget: Vasundhara Raje, former Rajasthan CM & BJP leader pic.twitter.com/x8UeAkH1a1 — ANI (@ANI) February 10, 2023
दरअसल राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को उस समय हंगामा हो गया जब मुख्य विपक्षी दल BJP) के विधायक, राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा अपने बजट भाषण में पुराने भाषण की पंक्तियां पढ़ने का आरोप लगाते हुए ‘आसन के समीप’ आ गए। हुआ यूँ कि, CM गहलोत ने 2023-24 का बजट सदन पटल पर रखा और भूमिका बांधने के बाद जैसे ही बजट घोषणाएं पढ़नीं शुरू की विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया।
इस मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने पिछले बजट की पंक्तियां पढ़ी हैं। गहलोत ने ‘इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना’ व महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) संबंधी घोषणाएं कीं जो पहले ही की जा चुकी हैं। दोनों घोषणाएं बजट 2022-23 की पहले ही की जा चुकी हैं।
इसके बाद विपक्ष के कुछ सदस्य हंगामा करते हुए ‘आसन के समीप’ आ गए। विधानसभा अध्यक्ष डॉ। सी पी जोशी और नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया में तीखी नोकझोंक हुई। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि वह नेता प्रतिपक्ष के “व्यवहार से दुखी होकर सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित करते हैं।” पता हो कि, मौजूदा गहलोत सरकार का यह पांचवां व आखिरी बजट है।